देश की प्रमुख दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया घाटे में चल रही है, कंपनी को लेकर कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा है कि अगर सरकार ने कोई राहत नहीं दी तो वोडाफोन आइडिया बंद हो जाएगी। उन्होंने साफ-साफ कहा कि वह इस कंपनी में और ज्यादा पैसा निवेश नहीं करने वाले हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर सरकार से राहत नहीं मिलती है तो मजबूरी में हमें अपनी दुकान (वोडाफोन-आइडिया) बंद करनी पड़ेगी। उन्होंने इस बात का भी संकेत दिया कि वह अब कंपनी में किसी तरह का निवेश नहीं करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बात का कोई मतलब नहीं कि डूबते पैसे में और पैसा लगा दिए जाएं। बिड़ला ने कहा कि राहत ना मिलने की स्थिति में वह कंपनी को दिवाला प्रक्रिया में ले जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वोडा आइडिया को सरकार को करीब 53 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करना है। दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में कंपनी को करीब 51 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ था जो टेलिकॉम इतिहास में एक तिमाही में अब तक का सबसे बड़ा नुकसान है।
वोडा आइडिया के अलावा एयरटेल की भी हालत ठीक नहीं है। दूसरी तिमाही में उसे भी करीब 23 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। एक तिमाही में कंपनी का यह अब तक का सबसे बड़ा नुकसान है।
स्पेक्ट्रम चार्ज, लाइसेंस फीस और एजीआर बकाया मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टेलिकॉम कंपनियों पर अचानक से करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये की देनदारी आ गई है। इसमें से एयरटेल को करीब 62 हजार करोड़ रुपये और वोडा आइडिया को 54 हजार करोड़ रुपये चुकाने हैं। कुछ बकाया अनिल अंबानी की रिलायंस कम्यूनिकेशन्स पर भी है। फिलहाल सरकार ने इन कंपनियों को दो साल के लिए राहत दी है। कंपनियों को दो साल तक कोई भुगतान नहीं करना है।
गौरतलब है कि सरकार ने पिछले महीने वित्तीय संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों को राहत देते हुए उनके लिए स्पेक्ट्रम किस्त का भुगतान दो साल के लिए टालने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया था।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.