हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर.आईएएनएस

एक तरफ तो केंद्र की मोदी दरकार देश से वीआईपी संस्कृति को ख़त्म करने के प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ रही है,वही दूसरी तरफ हरियाणा की बीजेपी की मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने एक फरमान जारी करते हुए सभी सरकारी अधिकारीयों को सांसदों और विधायकों के साथ पेश आने के लिये प्रोटोकॉल से बांध दिया है.

इस आदेश में कहा गया है कि सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक कार्यकमों में अफसर न केवल कुर्सी छोड़कर सांसदों और विधायकों का इस्तकबाल करेंगे, बल्कि वापसी में उन्हें पूरे सम्मान के साथ गाड़ी तक भी पहुंचाएंगे.

सभी सरकारी अफसर सांसद और विधायकों का फोन उठाएं और व्यस्त होने की स्थिति में एसएमएस के जरिए तुरंत उन्हें इसकी जानकारी दें. माननीयों के सभी अनुरोधों को ध्यानपूर्वक सुना जाए. जिस भी संसदीय क्षेत्र में कोई प्रोग्राम हो तो वहां के सांसद को जरूर बुलाएं और उन्हें सुविधाजनक सीट दें. अगर किसी सांसद का निर्वाचन क्षेत्र दो जिले में पड़ता है तो अधिकारी दोनों जिलों में सांसद को बुलाया जाए.

इस नई व्यवस्था में अफसर सांसदों और विधायकों के हर सवाल का जवाब पूरी सभ्यता और शिष्‍टाचार देंगे. की बात की जानकारी नहीं दे पाने की सूरत में इसकी ठोस वजह बताएंगे और इसके अलावा अफसरों को सांसदों और विधायकों के उचित सुझावों पर भी अमल करना होगा.

अफसरों द्वारा सांसद-विधायकों के फोन नहीं उठाने की शिकायतें बेहद आम हैं और हाल के दिनों में उनके साथ संतोषजनक व्यवहार नहीं होने की शिकायतें भी बढ़ी हैं. लोकसभा में यह मामला उठने के बाद संसदीय मामलों की समिति ने 4 जनवरी को सभी प्रदेश सरकारों को इस संबंध में सख्ती बरतने की हिदायत दी थी.