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भारत और पाकिस्तान के बीच एक हवाई संघर्ष के बाद पाकिस्तान ने बुधवार को भारतीय वायुसेना के एक पायलट को पकड़ लिया. भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की पाक मीडिया ने भी तारीफ की है. पाकिस्तान के नामी अखबार डॉन ने उनके अदम्य साहस की दास्तां बताई है. अखबार ने बताया है कि कैसे वायुसेना के जवान ने दुश्मनों के हाथों में गुप्त दस्तावेज नहीं लगने दिए और पड़ोसी देश में भारत के लिए कुछ नारे लगाए.

मंगलवार को अभिनंदन मिग 21 लड़ाकू विमान पर सवार थे और पाकिस्तानी विमान एफ16 का पीछा करते हुए गलती से नियंत्रण रेखा (एलओसी) में चले गए. उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर होरा गांव में गिरा. डॉन के मुताबिक, उनका विमान एलओसी से 7 किलोमीटर दूर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के भिमबेर जिले में गिरा. इस घटना के बारे में प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद रज्जाक चौधरी ने बताया कि बुधवार सुबह 8.45 बजे उन्हें आसमान में धुआं और आवाज सुनाई दी.

पाकिस्तानी मीडिया समूह 'डॉन' के पोर्टल पर छपी कहानी के मुताबिक जिस वक्त पाक की ज़मीन अभिनंदन मजबूरन उतरा तब उसके पास एक पिस्तौल थी. गांव के लोगों ने अभिनंदन को पकड़ लिया था और तब अभिनंदन ने पहला सवाल किया था 'ये हिंदोस्तान है या पाकिस्तान?'

रज़्ज़ाक के हवाले से डॉन ने लिखा है कि अभिनंदन के इस सवाल के जवाब में पाकिस्तान के ग्रामीणों ने चालाकी से उसे जवाब दिया कि 'ये हिंदोस्तान है'. इसके बाद अभिनंदन ने हिंदोस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाते हुए उन लोगों से पूछा कि वह ​भारत में ठीक ठीक किस जगह पर था. तभी कुछ लोगों ने उसे उस जगह का नाम किल्लान बताया.

फिर अभिनंदन ने अपनी पीठ के बुरी तरह से ज़ख्मी होने की बात कहते हुए उन लोगों से पीने के लिए पानी मांगा. तभी, अभिनंदन के नारों से नाराज़ कुछ नौजवानों ने 'पाकिस्तान आर्मी ज़िंदाबाद' के नारे लगाने शुरू किए. यह सुनकर अभिनंदन ने अपनी पिस्तौल से हवाई फायर किया और उन नौजवानों ने अपने हाथ में पत्थर उठा लिये.

रज़्ज़ाक के मुताबिक इसके बाद ​अभिनंदन उन लड़कों को पिस्तौल दिखाते हुए करीब आधे किलोमीटर तक भागा था. भागते हुए उसने और भी हवाई फायर किए थे. नौजवानों को डराने के लिए उसने फायर किए लेकिन नौजवान डरे नहीं और उसके पीछे भागे, तभी अभिनंदन ने एक छोटे तालाब में छलांग लगा दी.

तालाब में कूदते ही अभिनंदन ने अपने पास से कुछ नक्शे और दस्तावेज़ निकाले. जितने वह चबाकर निगल सका निगल गया और बाकी कागज़ात उसने तालाब के पानी में ही गला दिये. इस दौरान अभिनंदन के पीछे पड़े नौजवान लगातार उसे पिस्तौल फेंकने की धमकी दे रहे थे और फिर एक ने अभिनंदन के पैर में गोली दाग दी.

आखिरकार, अभिनंदन तालाब से बाहर निकला और उसने कहा कि उसे मारा नहीं जाना चाहिए. तब, गांव के लड़कों ने उसे बुरी तरह से जकड़ लिया. कुछ लड़के तैश में अभिनंदन को पीटने लगे और कुछ ने तैश में आए लड़कों को रोकने की कोशिश की.

इसी दौरान, पाकिस्तान आर्मी के सैनिक वहां पहुंचे और अभिनंदन को कस्टडी में ले लिया. रज़्ज़ाक ने डॉन को यह कहानी सुनाते हुए कहा कि 'अल्लाह का शुक्र कि उन गुस्साए लड़कों में से किसी ने उस पायलट को गोली नहीं मार दी क्योंकि आर्मी के पहुंचने तक वक्त बहुत था.'