स्विस बैंक में भारतीयों द्वारा जमा रकम में 50 फीसदी की बढ़ोतरी को विपक्ष द्वारा मुद्दा बनाए जाने के बाद वित्त मंत्री पीयूष गोयल सरकार के बचाव में उतरकर सामने आये और कहा है कि वहां जमा सारी रकम काला धन नहीं है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्होंने साथ ही इस बात का आश्वासन भी दिया कि इस मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी.
Agreement between India & Switzerland has this. From January 1 2018 till end of accounting year, all data will be made available. So why assume this is black money or illegal transactions?: Piyush Goyal on reports that money parked by Indians in Swiss banks rose 50% in 2017 pic.twitter.com/Gui44RaCBe
— ANI (@ANI) June 29, 2018
इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत और स्विट्जरलैंड में हुई एक द्विपक्षीय संधि के अनुसार स्विट्जरलैंड 1 जनवरी, 2018 से 31 दिसंबर, 2018 तक के मध्य भारतीयों के बैंक अकाउंटों के आंकड़े उपलब्ध करवाएगा. आंकड़ा प्राप्त होने से पहले कैसे कहा जा सकता है कि वहां के बैंकों में जमा रकम काला धन है या अवैध लेन-देन है.
गोयल ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के कार्यकाल में लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) लागू की गई थी, जिसके तहत एक व्यक्ति को हर साल 2.50 लाख डॉलर बाहर भेजने की अनुमति दी गई थी. स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा रकम में जो बढ़ोतरी हुई है, उसका 40 फीसदी तो एलआरएस के कारण है.
बता दें कि बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक 2017 में स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा रकम 50 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 7,000 करोड़ रुपये हो गई है, जबकि इससे पहले के तीन साल में इसमें गिरावट दर्ज की गई थी.