शुक्रवार को हुए महिला विश्वकप टी-20 के सेमीफाइनल मुकाबले से टीम की सबसे सीनियर और अनुभवी खिलाडी मिताली राज को बाहर रखने के कप्तान हरमनप्रीत कौर के फैसले पर पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बड़ा बयान दिया है.

गांगुली ने कहा कि वे मिताली को टीम से बाहर किए जाने के कप्तान के फैसले से हैरान नहीं है और उन्होंने कहा कि जब वह अपने करियर के चरम पर थे तब उन्हें भी इसी तरह से बाहर किया गया था.

वनडे टीम की कप्तान मिताली ने पाकिस्तान और आयरलैंड के खिलाफ अर्धशतक जमाए, लेकिन उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम लीग मैच से विश्राम दिया गया और इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भी उन्हें अंतिम एकादश में नहीं रखा गया, जिसमें भारत को आठ विकेट से करारी हार झेलनी पड़ी

गांगुली ने कहा कि भारत की कप्तानी करने के बाद मुझे भी डगआउट में बैठना पड़ा था. जब मैंने देखा कि मिताली राज को भी बाहर किया गया है तो मैंने कहा कि इस ग्रुप में आपका स्वागत है.

गांगुली, तेंदुलकर, लक्ष्मण
गांगुली, तेंदुलकर, लक्ष्मण

इस 46 वर्षीय पूर्व खिलाड़ी ने पाकिस्तान के खिलाफ 2006 में खेले गये दूसरे टेस्ट मैच को याद करते हुए कहा कि कप्तान आपको बाहर बैठने के लिए कहते हैं तो वैसा करो. मैंने फैसलाबाद में ऐसा किया था. मैं 15 महीने तक वनडे नहीं खेला जबकि मैं संभवत: वनडे में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा था.

जिंदगी में ऐसा होता है. कभी कभी दुनिया में आपको बाहर का रास्ता भी दिखाया जाता है. गांगुली ने हालांकि कहा कि मिताली के लिए रास्ते अभी बंद नहीं हुए हैं.

मिताली राज
मिताली राजStu Forster/Getty Images

उन्होंने कहा कि आपको हमेशा यह याद रखना चाहिए कि आप सर्वश्रेष्ठ हो क्योंकि आपने कुछ अच्छा किया है और मौका फिर से आएगा. इसलिए मिताली राज को बाहर बैठने के लिये कहने पर मुझे निराशा नहीं हुई. मैं मैदान पर प्रतिक्रियाओं को देखकर निराश नहीं हूं, लेकिन मुझे निराशा है कि भारत सेमीफाइनल में हार गया क्योंकि मुझे लगता है कि वह आगे बढ़ सकता था. ऐसा होता है कि क्योंकि कहा भी जाता है कि जिंदगी में कोई गारंटी नहीं है.