सोनिया गांधी
सोनिया गांधीTwitter / @ANI

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भेदभावपूर्ण है और प्रस्तावित एनआरसी के कारण नोटबंदी की तरह एक बार फिर लोगों को अपनी एवं अपने पूर्वजों की नागरिकता साबित करने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ेगा।

संशोधित नागरिकता कानून को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने वीडियो संदेश में कहा, ''लोकतंत्र में लोगों को सरकार के गलत निर्णयों एवं नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार है। सरकार का यह कर्तव्य होता है कि वह लोगों की आवाज एवं उनकी चिंताओं पर ध्यान दे। लेकिन भाजपा सरकार लोगों की आवाज का निरादर कर रही है और बल प्रयोग करके उसे दबाने का प्रयास कर रही है।''

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करती है। सोनिया गांधी ने कहा, ''नागरिकता संशोधन कानून भेदभावपूर्ण है। इसके बाद प्रस्तावित एनआरसी के कारण नोटबंदी की तरह एक बार फिर एक-एक व्यक्ति को अपनी एवं अपने पूर्वजों की नागरिकता साबित करने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ेगा।''

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की ओर से युवाओं, छात्रों और नागरिकों के खिलाफ बल प्रयोग पर हम गंभीर चिंता प्रकट करते हैं। संशोधित नागरिकता कानून को लेकर जारी विरोध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश के शीर्ष शैक्षणिक संस्थाओं में इसको लेकर स्वत: विरोध प्रदर्शन हुए।

गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून को लेकर पूरे देशभर में विरोध प्रदर्शन बीते कई दिनों से जारी हैं। दिल्ली के दरियागंज इलाके में शुक्रवार को नये नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान एक कार को आग के हवाले कर दिया गया। इससे पहले कानून के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, अहमदाबाद, मुंबई समेत कई शहरों में प्रदर्शन हुए थे। लखनऊ में हिंसक प्रदर्शन हुए और आगजनी भी कई गई, जिसमें एक की मौत हो गई। वहीं कर्नाटक में भी प्रदर्शन के दौरान दो की मौत हो गई थी।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.