जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में मंगलवार, 22 अक्टूबर को सेना और आतंकियों के बीच करीब चार घंटे चली मुठभेड़ में तीन आतंकी ढेर हो गए। पुलवामा के अवंतिपोरा इलाके के राजपुरा गांव में हुई इस मुठभेड़ में तीन आतंकी मारे गए हैं, जिनके जैश से संबद्ध होने की बात कही जा रही है। मारे गए आतंकियों से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है और इनमे से 2 के पाकिस्तानी होने का शक भी जताया गया है।
#WATCH Jammu and Kashmir: 3 terrorists killed in encounter between security forces & terrorists in Awantipora today. Arms & ammunition recovered. Identities and affiliations being ascertained. Search in the area continues. pic.twitter.com/xMWn0Vl9Fl
— ANI (@ANI) 22 October 2019
इसके अलावा नौशेरा सेक्टर में आतंकियों ने नियंत्रण रेखा से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित पोस्ट को निशाना बनाया। इस दौरान हुई गोलीबारी में भारतीय सेना का एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) शहीद हो गया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुरक्षाबलों ने आस-पास के इलाकों को घेर लिया है और खबर लिखे जाने तक मुठभेड़ जारी है।
J&K: A Junior Commissioned Officer (JCO) of the Indian Army succumbed to injuries after being fired upon by terrorists at a post(500m inside the LoC) in Naushera sector earlier today. Area cordoned off, exchange of fire underway pic.twitter.com/tvEN6Wqc7W
— ANI (@ANI) 22 October 2019
सुरक्षा बलों को पुलवामा जिले के अवंतीपोरा इलाके के राजपोरा गांव में एक मकान में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। इस सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर घर-घर तलाशी अभियान शुरू कर दिया। घेरा सख्त होता देख इलाके में छिपे आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी।
सुरक्षा बलों ने इन्हें समर्पण करने के लिए कहा, लेकिन वे नहीं माने और सुरक्षा बलों पर लगातार फायरिंग करते रहे। इसके बाद जवाबी कार्रवाई से मुठभेड़ शुरू हो गई। रात लगभग आठ बजे तक चली मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मारने में सफलता मिली।
इससे पहले 16 अक्तूबर को अनंतनाग के बिजबिहाड़ा में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-ताइबा के तीन स्थानीय आतंकियों को ढेर किया था। छह घंटे से अधिक समय तक चली इस मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकी हाल ही में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन छोड़कर लश्कर-ए-ताइबा में शामिल हुए थे। तीनों पिछले करीब दो वर्षों से इलाके में सक्रिय थे।