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आईएनएक्स मीडिया केस में घूसखोरी के आरोपों में घिरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के वकीलों की तमाम कोशिशों के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अग्रिम जमानत पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। अब शीर्ष अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई करने का फैसला किया है। अब अगले दो दिन चिदंबरम के लिए मुश्किल भरे रहेंगे। सीबीआई और ईडी की टीमें उनके पीछे हैं और उनका कोई अता पता नहीं है।

दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज किए जाने के बाद पूर्व वित्त मंत्री के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। चिदंबरम के 11 दिग्गज वकीलों की टीम पूरे दिन सुप्रीम कोर्ट में डटी रही पर फौरी राहत दिलाने में नाकाम रही। इस बीच, देश के पूर्व गृह मंत्री कहां हैं, किसी को खबर नहीं है। दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय के बाद अब सीबीआई ने भी पी. चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अलग-अलग कैविएट याचिका दायर किया है जिससे चिदंबरम की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। कैविएट याचिका दाखिल होने के बाद कोर्ट को सभी पक्षों का मत जानना जरुरी होता है। सुप्रीम कोर्ट में दायर स्पेशल लीव पिटीशन में खामी होने के कारण सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने सीजेआई रंजन गोगोई के सामने केस को लिस्ट नहीं किया था हालांकि, अब उस खामी को दूर कर लिया गया है।

बुधवार सुबह जस्टिस रमन्ना की कोर्ट में ये मामला गया। लेकिन उन्होंने इस केस को चीफ जस्टिस की कोर्ट में भेज दिया था। चिदंबरम की अर्जी में कुछ खामियों की वजह से उसमें सुधार किया गया और एक बार फिर जस्टिस रमन्ना की अदालत में उनके वकीलों ने दलील दी। लेकिन दूसरी बार भी जस्टिस रमन्ना ने सुनवाई से इनकार कर दिया।

चिदंबरम के वकील चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट में आज ही इस मसले पर सुनवाई हो जाए और उनकी गिरफ्तारी पर स्टे मिल जाए। हालांकि ऐसा नहीं हो सका और जस्टिस रमना की पीठ ने साफ कहा कि यह केस लिस्टिंग में नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पूर्व वित्त मंत्री की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मेरे क्लाइंट कहीं भाग नहीं रहे हैं। हालांकि, इस पर कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की याचिका दोषपूर्ण है और इसके त्रुटिरहित होने के बाद ही लिस्टिंग के लिए भेजा जा सकता है।

पी. चिदंबरम मंगलवार को हाई कोर्ट में जमानत अर्जी खारिज होने के बाद से ही लापता हैं। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होने की बात से स्पष्ट है कि उन पर अब भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। मंगलवार दोपहर को दिल्ली हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद से ही पी. चिदंबरम लापता चल रहे हैं। मंगलवार शाम को सीबीआई और ईडी की टीमें उनके दिल्ली स्थित आवास पर पहुंची थीं। इस दौरान पी. चिदंबरम घर पर नहीं पाए गए और जांच एजेंसियां उनके स्टाफ से ही पूछताछ कर लौट गईं। अब एजेंसियों को करीब 48 घंटे का समय मिलने पर उनके अरेस्ट होने की संभावना है।

इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने चिदंबरम का बचाव किया है। राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ईडी, सीबीआई और कुछ मीडिया समूहों के जरिए चिदंबरम का चरित्र हनन कर रही है। वहीं, प्रियंका ने कहा कि केंद्र की सच्चाई उजागर करने वाले चिदंबरम से सरकार असहज है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पी. चिदंबरम के वकील ने उनका पक्ष रखते हुए कहा कि हाई कोर्ट का उन्हें 'मुख्य साजिशकर्ता' कहना निराधार है। उन्होंने कहा, 'दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश की यह टिप्पणी कि याचिकाकर्ता (चिदंबरम) मामले में मुख्य साजिशकर्ता है, पूरी तरह निराधार है और इसके समर्थन में कोई सामग्री नहीं है।'