क्रिप्टोकरेंसी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब भारतीय भी खरीद और बेच सकेंगे बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीCreative Commons

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 4 मार्च को क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए इस पर लगे सभी प्रतिबंध हटा लिए है. अब देश के सभी बैंक इसका लेन-देन शुरू कर सकते है.

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार पर रोक लगा दी थी. इसके बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और कुछ संस्थान रिजर्व बैंक के इस सर्कुलर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए थे. अब सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार करने वालों के लिए राहत लेकर आया है.

सर्कुलर में रिजर्व बैंक ने लिखा था कि रेगुलेशन के दायरे में आने वाले संस्थान क्रिप्टोकरेंसी में किसी भी तरह का कारोबार न करें, न ही इससे जुड़ी को सेवा दें. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ने रिजर्व बैंक के सर्कुलर के खिलाफ 2018 में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

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IANS File Photo

कोर्ट में सुनवाई के दौरान आईएएमएआई द्वारा कहा गया कि केंद्रीय बैंक के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली वैध कारोबारी गतिविधियों पर प्रभावी रूप से पाबंदी लग गई है.

जिसके जवाब में आरबीआई ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. आरबीआई ने कहा कि उसने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से मनी लाउंड्रिंग और आतंकी वित्त पोषण के खतरे के मद्देनजर यह कदम उठाया है.

यहां बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है. इस करेंसी में कूटलेखन तकनीक का प्रयोग होता है. इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है.

यही कारण है कि क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है. क्रिप्टोकरेंसी का परिचालन केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है.