कर्नाटक में जारी राजनीतिक उठापटक और उच्चतम न्यायालय के दखल के बीच विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने बागी विधायकों से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि वह पूरी जिम्मेदारी से अपना कर्तव्य निभा रहे हैं और खुदपर इस मामले के लग रहे धीमी सुनवाई के आरोपों से वह बेहद आहात हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा कि किसी भी बागी विधायक ने उनसे मुलाकात के लिए समय नहीं मांगा था।
विधानसभा स्पीकर ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने मुझसे फैसला लेने के लिए कहा है। मैंने सारी चीजों की विडियोग्राफी की है और मैं उसे सुप्रीम कोर्ट को भेजूंगा।'
Karnataka Assembly Speaker KR Ramesh Kumar: The Supreme Court has asked me to take a decision. I have videographed everything and I will send it to the Supreme Court. https://t.co/KaAdILHw5t
— ANI (@ANI) 11 July 2019
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर रमेश ने बागी विधायकों से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, 'मैंने कुछ चैनलों पर देखा। मुझ पर धीमी सुनवाई का आरोप लग रहा है। इस बात से मैं दुखी हूं। राज्यपाल ने मुझे 6 को सूचना दी। मैं उस वक्त तक ऑफिस में था और फिर कुछ निजी कामों के लिए चला गया। उसके पहले किसी भी विधायक ने ऐसी जानकारी नहीं दी कि वे मुझसे मिलने आने वाले हैं।'
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, '6 जुलाई की तारीख को मैं दोपहर एक बजकर 30 मिनट तक अपने चैम्बर में था। विधायक मुझसे मिलने 2 बजे आए। किसी भी विधायक ने मिलने का समय नहीं मांगा था। मुझसे पूर्व अनुमति भी नहीं ली थी। इसलिए यह गलत बात है कि मैं उनके आने की वजह से जल्दी निकल गया। मैं रविवार को ऑफिस नहीं खुला रख सकता हूं।'
Karnataka Assembly Speaker KR Ramesh Kumar: On July 6, I was in my chamber till 1.30 pm. The MLAs came there at 2 pm, they didn't even take prior appointment. So, it's untrue that I ran away because they were coming. https://t.co/sHT17t0WyV
— ANI (@ANI) 11 July 2019
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, स्पीकर ने कहा, 'मेरा काम किसी को बचाना या किसी को निकालना नहीं होता है। मैं जनता के प्रति जवाबदेह हूं। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना कर्तव्य निभा रहा हूं। इससे भाग नहीं रहा हूं। मैंने कर्नाटक विधानसभा के नियम 202 के अनुसार सोमवार को सभी इस्तीफों की जांच की। 8 फॉर्म निर्धारित फॉर्मेट में नहीं थे। बाकी के बारे में अभी यह देखना है कि क्या ये इस्तीफे स्वैच्छिक और वास्तविक हैं। मैं पूरी रात इन इस्तीफों की जांच करूंगा और यह पता लगाऊंगा कि क्या ये वास्तविक हैं।'
Karnataka Assembly Speaker KR Ramesh Kumar: I need to examine these resignations (of rebel MLAs) all night and ascertain if they are genuine. pic.twitter.com/cLZY5Jk8cn
— ANI (@ANI) 11 July 2019
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, स्पीकर रमेश कुमार ने कहा, 'विधायकों ने मुझसे कोई बात नहीं की वे सीधा गवर्नर के पास दौड़ गए। वे क्या करते? क्या यह दुरुपयोग नहीं है? उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से संपर्क किया। मेरा दायित्व देश के संविधान और इस राज्य के लोगों के प्रति है। मैं देरी कर रहा हूं, क्योंकि मैं इस मिट्टी से प्यार करता हूं। मुझे जल्दबाजी में काम नहीं करना। सुप्रीम कोर्ट ने मुझसे फैसला लेने के लिए कहा है। मैंने सारी चीजों की विडियोग्राफी की है और मैं उसे सुप्रीम कोर्ट को भेजूंगा।'
K'taka Speaker:On Monday,scrutinized resignations based on rule202, K'taka Assembly Rules&Procedures. 8 letters weren't in prescribed format. In case of the rest, I'm obliged to look if resignations are voluntary&genuine. Won't speak about voluntary&genuine nature of resignations pic.twitter.com/uiz3yHfWxX
— ANI (@ANI) 11 July 2019
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कर्नाटक विधानसभा स्पीकर ने विधायकों की धमकी और मुंबई जाने के बारे में कहा, 'बागी विधायकों ने मुझे बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें धमकी दी थी और वे डर से मुंबई गए थे। लेकिन मैंने उनसे कहा कि उन्हें मुझसे संपर्क करना चाहिए था और मैं उन्हें सुरक्षा दिलाता। केवल 3 कार्यदिवस ही बीते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा व्यवहार किया जैसे कोई भूकंप आया हो।'
Karnataka Speaker KR Ramesh: MLAs don't communicate to me & rush to the Governor. What can he do? Is it not misuse? They approached the SC. My obligation is to people of this state & Constitution of the country. I am delaying because I love this land. I am not acting in haste. https://t.co/Qg61zlOzWh
— ANI (@ANI) 11 July 2019