सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना से जुड़े मामले में अनिल अंबानी को ग़लत तरीक़े फेवर करने वाले दो कोर्ट स्टाफ (असिस्टेंट रजिस्ट्रार) को नौकरी से निकाल दिया गया है. यह कार्रवाई मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई के आदेश पर हुुई है. दोनों कर्मचारियों पर आरोप है कि इन्होंने आर्डरशीट टाइप करने में अंबानी को सुप्रीम कोर्ट में पेशी से छूट दे दी थी जबकि सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर में अनिल अंबानी को पेशी से छूट नहीं दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को दिए अपने इस आदेश में अंबानी को 12 फरवरी को कोर्ट में पेश होने को कहा था लेकिन कोर्ट का ऑर्डर जब सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर पब्लिक डोमेन में आया तो उसमें अंबानी की पेशी की बात को हटा दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में जब ये मामला आया तो मामले की जांच कराई गई और दो कोर्ट स्टाफ इसके लिए दोषी पाए गए जिसके बाद चीफ जस्टिस के आदेश पर इन दोनों स्टाफ को तुरंत प्रभाव से नौकरी से निकाल दिया गया.
According to Supreme Court registry and two officials, CJI Ranjan Gogoi yesterday dismissed two court officers for allegedly tampering with an earlier order passed by an SC bench, in connection with the case of contempt of court against Anil Ambani. pic.twitter.com/KL6G141HzS
— ANI (@ANI) February 14, 2019
सुप्रीम कोर्ट में असिस्टेंट रजिस्ट्रार एवं कोर्ट मास्टर मानव शर्मा और तपन कुमार चक्रवर्ती पर सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के आर्टिकल 311 के तहत कार्रवाई की है.
कोर्ट मास्टर्स ओपन कोर्ट या जजों के चैंबर्स से जारी किए गए सभी ऑर्डर देखता है और उसके बारे में जानकारी देता है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार देर शाम दोनों अधिकारियों को हटाए जाने का फैसला लिया और अधिकारियों के टैंपरिंग मामले की जांच के आदेश दे दिए.
एरिक्सन इंडिया की ओर से रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) के चेयरमैन अनिल अंबानी एवं अन्य के खिलाफ दायर अवमानना याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है. एरिक्सन ने इन लोगों पर 550 करोड़ रुपये बकाया चुकता नहीं करने का आरोप लगाया है. कोर्ट ने अक्टूबर में आरकॉम से कहा था कि अगर दिसंबर 2018 तक बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया तो उन्हें 12 फीसदी सालाना ब्याज दर से रुपए वापस देनें होंगे. एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि अंबानी ने 15 दिसंबर 2018 तक बकाया भुगतान नहीं किया है.