जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबेReuters

भारत के दोनों सदनों द्वारा पास किये गए नागरिकता कानून को लेकर असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में जोरदार विरोध चल रहा है। जापान के जीजी प्रेस रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भारत दौरा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रद्द कर सकते हैं। आबे रविवार को भारत पहुंचनेवाले हैं और उन्हें गुवाहाटी में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ शिखर वार्ता में हिस्सा लेना है।

15-17 दिसम्बर के बीच होने वाली शिखर मुलाकात की तैयारी गुवाहाटी में चल रही है। पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले थे। नागरिकता कानून के विरोध में गुवाहाटी में जोरदार प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शन और सुरक्षा कारणों को देखते हुए जापान के पीएम भारत का दौरा रद्द कर सकते हैं। भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि स्थिति को देखते हुए शिखर वार्ता के लिए किसी दूसरे स्थान को भी चुना जा सकता है। हालांकि, विदेश मंत्रालय की ओर से इसे लेकर कोई सूचना नहीं जारी की गई है।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शिंजो आबे की भारत यात्रा रद्द होने की संभावना के बारे में पूछे गए सवाल के जवाव में कहा, "इस बारे में बताने के लिए हमारे पास कोई जानकारी नहीं है।" पिछले सप्ताह कुमार ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के उनके समकक्ष शिंजो आबे के बीच 15 से 17 दिसंबर के बीच शिखर वार्ता होगी।

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूर्वोत्‍तर भारत के तीन राज्‍यों असम, मेघालय और त्रिपुरा में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। असम में स्‍कूलों और कॉलेजों को 22 दिसंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के साथ प्रदर्शनकारी सेना और पुलिस की तैनाती के बाद भी लगातार कर्फ्यू का उल्‍लंघन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को यात्रियों से भरी एक ट्रेन में आग लगाने का भी प्रयास किया।

गुवाहाटी में सेना ने फ्लैग मार्च किया। प्रशासन ने गुरुवार 12 बजे से राज्य में अगले 48 और घंटों के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है। यहां तक कि अधिकांश एयरलाइनों ने डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी से उड़ानें रद्द कर दीं और ट्रेन की आवाजाही रोक दी गई है। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोगों से शांत होने और शांति व्यवस्था को बनाए रखने की अपील की है।

उन्होंने यहां एक बयान जारी कर लोगों से आग्रह कर कहा, "मैं असम के लोगों को उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन देता हूं। कृपया आगे आए और शांति के लिए प्रयास करें।" मुख्यमंत्री ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि लोग इस अपील को समझदारी से समझेंगे।"

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.