सुप्रीम कोर्ट ने सारदा चिटफंड घोटाला मामले में कोलकाता के पूर्व पुलिस कमीश्नर राजीव कुमार से हाल ही में हुई पूछताछ से संबंधित प्रगति रिपोर्ट में सीबीआई द्वारा किए गए खुलासे को मंगलवार को 'बेहद गंभीर' करार दिया गया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि यदि कुछ 'बहुत ही गंभीर तथ्यों' की जानकारी उसे दी गई है तो वह इसके प्रति अपनी आंखें नहीं मूंद सकती है। पीठ ने इसके साथ ही जांच ब्यूरो को निर्देश दिया कि राजीव कुमार के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए वह आवेदन दायर करे।
A bench of Supreme Court, headed by CJI, said, "We will later determine the charges and counter charges after hearing from both the sides." The Court, while pursuing CBI report, said, CBI status report against Rajeev Kumar reveals something very very serious. https://t.co/fA9yB9Z2Fp
— ANI (@ANI) March 26, 2019
पीठ ने जांच ब्यूरो को इस संबंध में आवेदन दायर करने के लिए दस दिन का वक्त दिया और कहा कि कुमार तथा अन्य लोग इसके बाद सात दिन के भीतर अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं। पहले राजीव कुमार ही इस चिट फंड घोटाले की जांच करने वाले विशेष जांच दल के मुखिया थे। शीर्ष अदालत ने कहा कि चूंकि सीबीआई की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में दायर की गई है, इसलिए वह दूसरे पक्ष को सुने बगैर इस समय कोई आदेश पारित नहीं कर सकती।
सुप्रीम कोर्ट सारदा चिट फंड घोटाले की जांच में सहयोग नहीं करने और कथित रूप से सबूत नष्ट करने के मामले में पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक और कोलकाता के तत्कालीन पुलिस आयुक्त सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई की अवमानना अर्जी पर सुनवाई कर रही थी।
बता दें कि इस साल फरवरी के पहले हफ्ते में पूछताछ के लिए सीबीआई की टीम राजीव कुमार के घर पहुंची तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गई थी। सीबीआई के सुप्रीम कोर्ट का रूख करने के बाद कोर्ट ने राजीव कुमार को शिलॉन्ग स्थिति सीबीआई दफ्तर में पेश होने को कहा था। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा था कि राजीव कुमार को गिरफ्तार न किया जाए।