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अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की आबादी साल 2010 से 2017 के बीच 38 फीसदी बढ़ी है। साउथ एशियन अमेरिकन लीडिंग टुगेदर (SAALT) नाम के एडवोकेसी ग्रुप ने हालिया डेमोग्राफिक रिपोर्ट में यह दावा किया है। 2017 में तमाम एथिनिसिटी के इंडियन-अमेरिकन लोगों की आबादी 44,02,363 तक पहुँच गई थी, जो 2010 में 38.3 फीसदी कम 31,83,063 थी।

इसके अलावा अमेरिका में गैरकानूनी ढंग से रहने वाले भारतीयों की आबादी 2010 से 72 फीसदी बढ़कर 6,30,000 हो गई है। वीजा खत्म होने के बावजूद बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों के रहने से ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी है। 2016 में लगभग 2,50,000 भारतीय वीजा खत्म होने के बाद वहां रह रहे थे।

दक्षिण एशिया से आने वाले अमेरिकी रेजिडेंट्स की आबादी 40 फीसदी बढ़ी है। SAALT ने बताया कि 2010 के 35 लाख से बढ़कर इनकी संख्या 2017 में 54 लाख हो गई। दक्षिण एशियाई लोगों में 2010 से नेपाली मूल के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा 206.6 फीसदी बढ़ी है। इसके बाद भारतीयों की संख्या 38 फीसदी, भुटानी लोगों की 38 फीसदी, पाकिस्तानियों की 33 फीसदी, बांग्लादेशी 26 फीसदी और श्रीलंकाई मूल के लोगों की आबादी 15 फीसदी बढ़ी है।

अमेरिका में अभी साउथ एशियन एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स (डीएसीए) के कम से कम 4,300 ऐक्टिव रिसिपिएंट हैं। अगस्त 2018 तक डीएसीए के ऐक्टिव रिसिपिएंट्स में लगभग 2,500 भारतीय थे। कुल 20 हजार डीएसीए रिसिपिएंट्स में से सिर्फ 13 फीसदी ने इसके लिए आवेदन किया और प्राप्त किया है। डीएसीए के 1,300 पाकिस्तानी, 470 बांग्लादेशी, 120 श्रीलंकाई और 60 नेपाली रिसिपिएंट्स हैं।

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रिपोर्ट के मुताबिक, आय में असामान्यता सबसे ज्यादा एशियाई अमेरिकी लोगों में दर्ज की गई है। अमेरिका में रह रहे कुल 50 लाख दक्षिण एशियाई लोगों में से लगभग 1 फीसदी गरीब हैं। SAALT ने बताया कि पिछले 10 सालों में अमेरिका में शरणार्थी का दर्जा मांगने वाले दक्षिण एशियाई लोगों की संख्या बढ़ी है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (आईसीई) ने 2017 से 3,013 साउथ एशियाई लोगों को गिरफ्तार किया है। यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर पेट्रोल ने अक्टूबर 2014 और अप्रैल 2018 के बीच 17,119 साउथ एशियन लोगों को बॉर्डर और इंटीरियर एन्फोर्समेंट के जरिए अरेस्ट किया है।

SAALT के अनुसार, 1997 से अब तक एच-1 वीजा रखने वालों पर निर्भर करने वाले 17 लाख से ज्यादा दंपतियों को एच-4 वीजा मिला है। 2017 में 1,36,000 लोगों को एच-4 का स्टेटस प्राप्त हुआ था। लगभग 86 फीसदी एच-4 वीजा होल्डर दक्षिण एशियाई देशों से हैं।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।