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केंद्र सरकार ने बजट से ठीक पहले 2019-20 के फसल वर्ष के लिए धान का मिनिमम सपॉर्ट प्राइस 65 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,815 रुपये कर दिया। इसके अलावा तिलहन, दाल-दलहन और अन्य अनाज के एमएसपी में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गयी है। तुअर, उड़द और मूंग का समर्थन मूल्य क्रमश: 125 रुपये, 100 रुपये और 75 रुपये क्विंटल बढ़ाया गया है। यह निर्णय पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में किया गया।

जून में बारिश 33 प्रतिशत कम रहने से किसानों को यह निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि वे खरीफ की कौन सी फसल की खेती करे। हालांकि, मौसम विभाग ने जुलाई और अगस्त में अच्छी बारिश का अनुमान जताया है।

सरकारी आंकड़े के अनुसार बारिश में देरी के कारण खरीफ फसलों के अंतर्गत कुल रकबा घटकर पिछले सप्ताह 146.61 लाख हेक्टेयर रहा जो इससे पिछले साल इसी दौरान 162.07 लाख हेक्टेयर रहा था। कृषि और मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस साल के लिये खरीफ फसलों के एमएसपी की घोषणा करने के बाद कहा, ''मानसून में थोड़ी देरी हुई है। यह सभी के लिये चिंता की बात है और सरकार इसको लेकर गंभीर है। केंद्र कम बारिश की स्थिति से निपटने के लिये राज्यों के निरंतर संपर्क में हैं। लेकिन मौसम विभाग का मौजूदा अनुमान बताता है कि बारिश सामान्य होगी।

तोमर ने कहा कि केंद्र ने 2019-20 के लिए खरीफ फसलों का एमएसपी उत्पादन लागत का कम से कम डेढ़ गुना एमएसपी रखने के सिद्धांत के आधार पर बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने धान की आम और ए, दोनों तरह की वेरायटी के लिए एमएसपी पिछले साल के मुकाबले 65 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। कॉमन ग्रेड धान का एमएसपी अब 1,815 रुपये जबकि ए ग्रेड धान का 1,835 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। मंत्री ने कहा कि एक क्विंटल धान की उत्पादन लागत 1,205 रुपये है।

सरकार ने रागी का एमएसपी 253 रुपये बढ़ाकर 3,150 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। इसी तरह ज्वार का एमएसपी 120 रुपये बढ़ाकर 2,550 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। मक्के का एमएसपी 60 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,760 रुपये और बाजरे का 50 रुपये बढ़ाकर 2,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया।

तोमर ने कहा कि दलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए अरहर का एमएसपी 125 रुपये बढ़ाकर 5,800 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द का 100 रुपये बढ़ाकर 5,700 रुपये और मूंग का 75 रुपये बढ़ाकर 7,050 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। खाद्य तेल का आयात घटाने के इरादे से सोयाबीन (पीली) का एमएसपी 311 रुपये बढ़ाकर 3,710 रुपये प्रति क्विंटल जबकि सूरजमुखी बीज का एमएसपी 262 रुपये बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। मूंगफली का एमएसपी 200 रुपये बढ़ाकर 5,090 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया।

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वाणिज्यिक फसलों में सरकार ने कपास के एमएसपी में इस साल 100-105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद मध्यम रेशा कपास 5,255 रुपये तथा लंबे कपास का एमएसपी 5,550 रुपये क्विंटल हो गया है। सरकार ने कहा, ''किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर सर्वाधिक रिटर्न बाजरा (85 प्रतिशत) तथा उड़द (64 प्रतिशत) और तुअर पर (60 प्रतिशत) मिलेगा।"

एमएसपी व्यवस्था किसानों को उनकी उपज के लिये न्यूनतम मूल्य की गारंटी उपलब्ध कराती है। इसे पूरे देश में लागू किया जाता है। सरकार ने कहा है कि भारतीय खाद्य निगम और राज्य की नामित एजेंसियां किसानों को अनाजों के मामले में समर्थन देती रहेंगी। नाफेड और एसएफएसी तथा अन्य प्राधिकृत एजेंसियों दालों और तिलहनों के मामले में एमएसपी पर खरीद करेंगी। कपास के मामले में मूल्य समर्थन के लिये भारतीय कपास निगम शीर्ष केन्द्रीय एजेंसी होगी। इस काम में नाफेड उसकी मदद करेगा।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।