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REUTERS/Dado Ruvic

केंद्र सरकार ने सोशल साइट्स से फैलाई जा रही अशांति और अफवाहों पर नजर रखने को कहा है. सरकार ने गूगल, ट्विटर, व्हट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म से कहा है कि वह ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें. सरकार के इस कदम की जानकारी गुरुवार को अधिकारियों ने दी. सरकार ने तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म से कहा है कि उन्हें ऐसे संदेशों, साइबर अपराधों और ऐसी अन्य गतिविधियां जिनसे राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान हो उसे रोकने के लिए कड़ी निगरानी की जानी चाहिए.

अधिकारियों ने इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म से कहा है कि वह ऐसी प्रणाली भी तैयार रखें जिससे जांच के सिलसिले में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के जरिए मांगी जाने वाली सूचना तुरंत उपलब्ध हो. सोशल मीडिया प्लेटफार्म में फेसबुक और इंस्टाग्राम भी शामिल हैं

इसमें कई संदेश महिलाओं के खिलाफ भी जारी हुये हैं लेकिन इंटरनेट क्षेत्र की अग्रणी कंपनियां जिनमें से कइयों के मुख्यालय भारत से बाहर हैं और यह जरूरी जानकारी देने से पीछे हटती रहीं हैं. सरकार ने घृणा फैलाने वाले संदेश भेजने वालें और उसे आगे प्रसारित करने वाले तमाम लोगों की जानकारी मांगी, लेकिन निजता का हवाला देते हुए कंपनियों ने यह जानकारी देने से इनकार किया.

हालांकि, कुछ सोशल मीडिया फर्मों ने कहा है कि वह झूठी खबरों, अफवाहों और घृणा भरे संदेशों का उनके प्लेटफार्म से प्रसारित होने से रोकने के लिये जरूरी कदम उठा रहे हैं. विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने उनसे भारत में शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करने को कहा है. उनसे कहा गया है कि वह अपने साइट से आपत्तिजनक संदेशों और सामग्री को हटाने के लिये समयबद्ध कारवाई के बारे में प्रणाली विकसित करें