कांग्रेस द्वारा उत्तर प्रदेश के लिए 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित करने के चंद घंटों के भीतर ही समाजवादी पार्टी ने भी लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। शुक्रवार को पार्टी ने 6 कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी की, जिसमें पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव को भी प्रत्याशी बनाया गया है। मुलायम को मैनपुरी सीट से टिकट दिया गया है।
वर्तमान में, मुलायम सिंह यादव आज़मगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से संसद हैं। उन्होंने इससे पहले तीन बार 1996, 2004 और 2009 में मैनपुरी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था। 2014 के चुनावों में, मुलायम ने दो निर्वाचन क्षेत्रों - आज़मगढ़ और मैनपुरी से चुनाव लड़ा और दोनों पर ही विजयी हुए थे।
यूपी में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के साथ लोकसभा चुनाव में उतर रही एसपी के पास गठबंधन के तहत 37 सीटें हैं, जबकि 38 सीटों पर बीएसपी और 3 पर आरएलडी के उम्मीदवार लड़ेंगे। पिछली बार भी मुलायम ने मैनपुरी सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन दो सीटों से निर्वाचित होने की वजह से उन्होंने आजमगढ़ सीट अपने पास रखी। मैनपुरी सीट पर हुए उपचुनाव में मुलायम के परिवार के ही तेज प्रताप यादव विजयी हुए थे।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव ने इस लिस्ट को जारी किया। अभी तक इस बात पर चर्चाएं हो रही थीं कि मुलायम सिंह यादव कहां से चुनाव लड़ेंगे। प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी लगातार उन्हें अपनी पार्टी से उम्मीदवारी के लिए न्यौता दे रहे थे।
समाजवादी पार्टी की इस पहली लिस्ट से साफ हो गया है कि मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से समाजवादी पार्टी के टिकट पर ही चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने बदायूं से धर्मेंद्र यादव को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है। बदायूं को धर्मेंद्र यादव का गढ़ माना जाता रहा है।
हालांकि इस बार कांग्रेस ने बदायूं से सलीम इकबाल शेरवानी को चुनाव मैदान में उतारा है। शेरवानी पांच बार बदायूं से सांसद रह चुके हैं और केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। साफ है कि बदायूं में लड़ाई बेहद दिलचस्प होने वाली है।
रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को फिरोजाबाद से टिकट दिया गया है। अक्षय पिछला चुनाव भी फिरोजाबाद से ही जीते थे। खास बात ये है कि शिवपाल सिंह यादव के भी इसी सीट से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो चाचा-भतीजे आमने सामने होंगे।
दूसरी ओर माना जा रहा है कि राजबब्बर भी फिरोजाबाद सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। वे पहले भी यहां से जीत हासिल कर चुके हैं। अगर ऐसा होता है तो चुनावी लड़ाई बेहद दिलचस्प और अहम हो जाएगी।
इटावा से लोकसभा उम्मीदवार बनाए गए कमलेश कठेरिया, भरथना सीट से विधानसभा चुनाव हार गए थे। उनको राजनीति विरासत में मिली है। उनके परिवार के लोग समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं। राबर्ट्सगंज से उम्मीदवार बनाए गए भाईलाल कोल पहले भी सांसद रह चुके हैं।
बहराइच से शब्बीर अहमद वाल्मीकि को टिकट दिया गया है। शब्बीर भी पुराने सपाई हैं और लंबे वक्त से राजनीति में सक्रिय हैं। वे विधायक भी रह चुके हैं।
उत्तर प्रदेश में 1995 के स्टेट गेस्ट हाउस कांड के बाद से एसपी और बीएसपी के बीच कड़वाहट थी। एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दोनों पार्टियों के गठबंधन का ऐलान किया था। कांग्रेस इस गठबंधन में शामिल नहीं है लेकिन उसके लिए अमेठी और रायबरेली सीटें छोड़ दी गई हैं। इसके अलावा एसपी ने अपने कोटे की मथुरा सीट आरएलडी को दी है। आरएलडी मथुरा, बागपत और मुजफ्फरनगर सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने 15 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इसमें उत्तर प्रदेश की 11 और गुजरात की चार लोकसभा सीटों के लिए नाम तय कर दिए गए हैं। इस लिस्ट से एक चीज यह भी साफ हो गई है कि रायबरेली से इस बार प्रियंका गांधी नहीं बल्कि सोनिया गांधी ही चुनाव लड़ेंगी। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी एकबार फिर से अमेठी से ही चुनाव लड़ेंगे।