माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को भारत के लिए गलत बताने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद मीनाक्षी लेखी ने मंगलवार को उनपर निशाना साधते हुए कहा कि पढ़े-लिखे लोगों को शिक्षित करने की आवश्यकता है.
लेखी ने इसे "साक्षर लोगों को शिक्षित होने की जरूरत" का एक सटीक उदाहरण बताते हुए ट्वीट किया, "सीएए को लाने का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए सताए हुए अल्पसंख्यकों को अवसर प्रदान करना है.' साथ ही उन्होंने कहा, 'कैसा हो यदि अमेरिका में यह अवसर यजीदियों के बजाय सीरियाई मुसलमानों को दिया जाए?'
How literate need to be educated ! Perfect example. Precise reason for CAA is to grant opportunities to persecuted minorities from Bangladesh, Pakistan & Afghanistan.
— Meenakashi Lekhi (@M_Lekhi) January 14, 2020
How about granting these opportunities to Syrian Muslims instead of Yezidis in USA ? pic.twitter.com/eTm0EQ1O25
उनका यह बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब सोमवार को माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ ने विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपने विचार प्रकट करते हुए कहा, "मुझे लगता है, जो हो रहा है यह दुखद है.. यह बुरा है..मुझे यह देख कर खुशी होगी जब कोई बांग्लादेशी आप्रवासी, जो भारत में अगला यूनिकॉन बनाए या फिर इंफोसिस का अगला सीईओ बने."
सत्या नडेला ने कहा, 'हालांकि, मैं ये नहीं कह रहा हूं कि किसी देश को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा, बॉर्डर पर कुछ नहीं करना चाहिए. वहां की सरकार और लोग इस बारे में जरूर सोचेंगे, क्योंकि इमिग्रेशन एक बड़ा मुद्दा है. ये यूरोप और भारत में बड़ी बात है. इसके साथ कौन कैसे डील करता है? ये सोचने वाली बात है.'
नडेला ने आगे कहा, ' प्रवास क्या है? प्रवासी कौन हो और अल्पसंख्यक का ग्रुप कौन है? ये ही संवेदनशीलता है. लेकिन अच्छी बात ये है कि भारत एक लोकतंत्र है, जहां पर लोग उसकी चर्चा कर रहे हैं. यहां कुछ छुपा नहीं है...इस पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए. मैं अपनी बात पर साफ हूं कि हम किन मूल्यों पर खड़े होते थे और मैं किन मूल्यों की बात कर रहा हूं.'
हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट ने तुरंत नडेला द्वारा एक ताजा बयान जारी कर इसे सुधारने की कोशिश में कहा, "प्रत्येक देश को चाहिए कि वह अपनी सीमाओं को परिभाषित कर राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करे और उसके अनुसार आव्रजन नीति निर्धारित करे.' इसमें आगे कहा गया, 'और एक लोकतंत्र में यह कुछ ऐसा है जिस पर लोग और उनकी सरकार बहस करेंगे और उनको सीमाओं के भीतर परिभाषित करेंगे."
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.