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केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में कहा कि देश की सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और जनजाति (एससी-एसटी) के लोगों के लिए जितनी सीटें आरक्षित की गयी हैं, उससे कहीं अधिक लोग अभी काम कर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए जितनी आरक्षित सीटें निर्धारित की गयी हैं, उससे कम लोग ही नौकरी कर रहे हैं।

एक लिखित सवाल के जवाब में कार्मिक मंत्रालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सितंबर 1993 में ओबीसी के लिए आरक्षण लागू होने के बाद से उनका प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है। सिंह ने कहा, 'उपलब्ध सूचनाओं के मुताबिक 1 जनवरी 2012 को ओबीसी का प्रतिनिधित्व 16.55 प्रतिशत था जो 1 जनवरी 2016 को बढ़कर 21.57 प्रतिशत हो गया।'

जितेंद्र सिंह ने कहा कि 78 मंत्रालयों और विभागों ने जानकारी दी कि 1 जनवरी 2016 तक केंद्र सरकार की नौकरियों में एससी, एसटी और ओबीसी का प्रतिनिधित्व क्रमशः 17.49 प्रतिशत, 8.47 प्रतिशत और 21.57 प्रतिशत था।

केंद्रीय मंत्री ने बताया, 'एससी और एसटी का प्रतिनिधित्व उनके लिए तय आरक्षण (क्रमशः 15 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत) से ज्यादा है। केंद्र सरकार की नौकरियों में ओबीसी का प्रतिनिधित्व 21.57 प्रतिशत है जो उनके लिए तय आरक्षण (27 प्रतिशत) की तुलना में कम है। '

जितेंद्र सिंह ने बताया कि 1 जनवरी 2016 तक 79 मंत्रालयों और विभागों में से 78 ने एससी, एसटी और ओबीसी के प्रतिनिधित्व से जुड़े आंकड़े पेश किए थे। 1 जनवरी 2017 और 1 जनवरी 2018 को 75 में से 61 प्रशासनिक मंत्रालयों और विभागों ने इस तरह के आंकड़े पेश किए थे। सिंह ने बताया कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग 10 मंत्रालयों और विभागों की निगरानी करता है जो केंद्र सरकार की कुल नौकरियों का 90 प्रतिशत देते हैं।

इन मंत्रालयों द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक आरक्षित श्रेणी की कुल 92,589 रिक्तियां बैकलॉग में थीं। इनमें से एससी के लिए 29,198, एसटी के लिए 22,829 और ओबीसी के लिए 40,562 रिक्तियां बैकलॉग में थीं। 1 अप्रैल 2012 से 31 दिसंबर 2016 की अवधि के दौरान इनमें से 63,876 रिक्तियों को भर दिया गया था। जितेंद्र सिंह ने बताया कि 1 जनवरी 2017 तक बची हुईं 28,713 बैकलॉग रिक्तियां नहीं भरी जा सकी थीं। इनमें एससी की 8,223, एससी की 6,955 और ओबीसी की 13,535 बैकलॉग रिक्तियां हैं। ये 10 मंत्रालय और विभाग हैं- डाक, रक्षा उत्पादन, वित्तीय सेवाएं, परमाणु ऊर्जा, रक्षा, राजस्व, रेलवे, हाउजिंग ऐंड अर्बन अफेयर्स, मानव संसाधन और गृह मंत्रालय।

मंत्री ने बताया कि इन 10 में 5 मंत्रालयों और विभागों ने आगे बताया कि 21,499 बैकलॉग रिक्तियों में से 12,334 को 31 दिसंबर 2017 तक भरा जा चुका था। 1 जनवरी 2018 तक बैकलॉग रिक्तियों में से 9,165 नहीं भरी जा सकी थीं।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।