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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अपनी राज्यसभा सदस्यता और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सदन को इसकी जानकारी दी। अमेठी पर मजबूत पकड़ रखने वाले संजय सिंह इससे पहले भी कांग्रेस का साथ छोड़ चुके हैं। तब उन्होंने पहले जनता दल का और फिर बाद में बीजेपी का दामन थामा था।

संजय सिंह कल बीजेपी में शामिल होंगे। उनका दावा है कि उनकी दूसरी पत्नी अमिता सिंह भी कांग्रेस छोड़ेंगी। संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह अमेठी से बीजेपी विधायक हैं। संजय सिंह इस बार का लोकसभा चुनाव सुल्तानपुर से लड़े थे, जहां उन्हें बीजेपी की मेनका गांधी के सामने हार का सामना करना पड़ा था।

दूसरी बार पार्टी से इस्तीफा देते हुए सिंह ने कहा कि बहुत सोच-विचार के बाद फैसला लिया है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस अभी भी अतीत में है। वह भविष्य से अनजान है। आज देश पीएम मोदी के साथ है और अगर देश उनके साथ है, तो मैं उनके साथ हूं। मैं कल भाजपा में शामिल होउंगा। मैंने पार्टी से और राज्यसभा की अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस में 15-20 सालों से संवादहीनता की स्थिति बनी हुई है।'

गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाने वाले संजय सिंह को बीजेपी की मेनका गांधी के सामने हार के बाद कांग्रेस ने असम से राज्यसभा सांसद बनाया था। 1980 में जब नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य ने अमेठी से चुनाव लड़ने का फैसला किया तो संजय सिंह ने संजय गांधी को अपना समर्थन दिया।

गांधी परिवार के साथ रिश्ता होने की वजह से उन्हें राजनीति के मैदान में काफी चर्चा मिली। हालांकि 1988 में सिंह ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और जनता दल में शामिल हो गए। जनता दल के पक्ष में देशवासियों की लहर होने के बावजूद सिंह को फायदा नहीं मिला और वह अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव हार गए। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए और 1998 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी से चुनाव जीतने में सफल रहे।

1999 में वह इसी सीट से बीजेपी का प्रतिनिधित्व कर रहे थे लेकिन उन्हें राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी ने टक्कर दी और वह परिवार के नाम पर जीत हासिल करने में सफल रहीं। 2003 में सिंह राजीव गांधी की जयंति के मौके पर दोबारा कांग्रेस में शामिल हो गए। 2009 में वह दूसरी बार सुल्तानपुर से लोकसभा सांसद चुने गए।

गौरतलब है कि संजय सिंह के राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद संसद के इस ऊपरी सदन का कुल स्ट्रेंथ घटकर 240 रह जाएगा। 245 सदस्यों वाले इस सदन की पहले चार सीटें खाली थीं। अब संजय सिंह के इस्तीफे से 5 सीटें खाली हो गईं।