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सांकेतिक तस्वीरReuters file

पड़ोसी देश श्रीलंका में एक मुस्लिम डॉक्टर द्वारा चार हजार बौद्ध महिलाओं की गुप्त रूप से नसबंदी किये जाने की खबर सामने आने के बाद तनाव फैल गया है। रायटर्स की खबर के मुताबिक, एक स्थानीय अखबार ने दावा किया था कि आरोपी डॉक्टर ने ऑपरेशन से बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं की बिना उन्हें या उनके परिजनों को विश्वास में लिए गुप्त रूप से नसबंदी की है। हालांकि इस अखबार की उक्त रिपोर्ट की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है।

श्रीलंका के अखबार 'दिवाइना' ने 23 मई को यह दावा करते हुए अपने पहले पेज पर एक रिपोर्ट छापी थी। अखबार ने अपनी खबर में कथित तौर पर नसबंदी करने वाले डॉक्टर की पहचान उजागर नहीं की है, लेकिन कहा जा रहा है कि वह प्रतिबंधित आतंकी संगठन नैशनल तौहीद जमात का सदस्य भी है, जिस पर ईस्टर के मौके पर चर्चों और होटलों में बम धमाके कराने का आरोप है।

'दिवाइना' के एडिटर-इन-चीफ अनुरा सोलोमोंस ने बताया कि उनके अखबार यह खबर पुलिस और अस्पताल के सूत्रों के आधार पर बनाई गई है।

एक मुस्लिम डॉक्टर पर जबरन या फिर चोरी से बौद्ध महिलाओं की नसबंदी किए जाने के आरोप द्विपीय देश में लोगों को भड़काने वाले साबित हो सकते हैं। बता दें कि श्रीलंका में बहुसंख्यक बौद्ध धर्म के कट्टरपंथी मुस्लिमों पर अपनी आबादी को तेजी से बढ़ाने का आरोप लगाते रहे हैं। ऐसे में बौद्ध महिलाओं की नसबंदी की खबर हिंसा को जन्म दे सकती है।

इस खबर के दो दिन बाद ही पुलिस ने एक डॉक्टर सेगु शिहाबदीन मोहम्मद शफी को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि डॉक्टर पर संदिग्ध पैसे से प्रॉपर्टी खरीदने का आरोप है। पुलिस नसबंदी के दावों की भी जांच कर रही है और उसका कहना है कि ऐसी महिलाओं को सामने आना चाहिए, जो शिकार हुई हैं।

पुलिस के प्रवक्ता रुवान गुणाशेखरा ने बताया कि शफी पर मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है, लेकिन उन्होंने शफी पर किसी तरह के वित्तीय अपराध के आरोपों और नसबंदी के दावों पर कुछ भी कहने से इनकार किया।

शफी की पैरवी करने वाले वकील फारिस सैली ने कहा कि पूरी जांच में खामियां हैं क्योंकि एजेंसी ने नसबंदी के दावों को लेकर सबूतों की पड़ताल ही नहीं की। उन्होंने कहा कि शफी पर लगाए गए सभी आरोप प्रमाणित नहीं हैं। इस मामले से तनाव बढ़ गया है और सिंहली बौद्ध समुदाय के भिक्षओं ने पिछले दिनों शफी के अस्पताल कुरुनेगाला टीचिंग हॉस्पिटल के सामने प्रदर्शन भी किया।

अस्पताल के बाहर अपनी पत्नी का इंतजार कर रहे एक ड्राइवर प्रदीप कुमार ने कहा, 'यदि आरोप सही साबित होते हैं तो साफ हो जाएगा कि सिंहली बौद्ध समुदाय को खत्म करना चाहते हैं।' प्रदीप कुमार की पत्नी ने डॉक्टर के खिलाफ बयान दिया है और बताया है कि कैसे 11 साल पहले ऑपरेशन से उसकी डिलिवरी कराई गई थी।

प्रदीप ने बताया कि ऑपरेशन से बच्चा हुआ था, लेकिन इस खबर को सुनने के बाद उनकी चिंता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि वे बीते 6 साल से बच्चे के लिए ट्राई कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।