श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने 'मुस्लिम प्रभाकरण' के सिर उठाने को लेकर आगाह करते हुए देश में सभी समुदायों से एकजुटता बनाए रखने की अपील की। उनका यह बयान हाल ही में देश में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के बाद आया है। इस आतंकी हमले में करीब 250 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और कई घायल हो गए।
उल्लेखनीय है कि एलटीटीई प्रमुख प्रभाकरण श्रीलंका में तमिलों के विद्रोह का एक मुख्य चेहरा रहा है जिसने अलग तमिल राष्ट्र की मांग को लेकर कई सालों तक गुरिल्ला युद्ध छेड़ रखा था। 2009 में सैन्य कार्रवाई में उसकी मौत हो गई थी।
कभी लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) के गढ़ रहे मुल्लैतिवु में बोल रहे सिरिसेना ने माना कि देश अब विभाजित हो गया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि आज देश के धार्मिक नेता और नेता विभाजित हो गए हैं।
कोलंबो गजट की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ने जनता से मुस्लिम प्रभाकरण के सिर उठाने के लिए कोई भी गुंजाइश ना छोड़ने का अनुरोध किया। उन्होंने आगाह किया, 'अगर हम विभाजित और अलग हो जाते हैं तो पूरा देश हार जाएगा। एक और युद्ध शुरू हो जाएगा।'
तीन कैथलिक गिरजाघरों और तीन लग्जरी होटलों पर एक स्थानीय इस्लामिक समूह द्वारा ईस्टर पर धमाके करने के बाद से मुस्लिम समुदाय पर हमले हो रहे हैं। सिरिसेना कुछ नेताओं पर आरोप लगाए कि उनका ध्यान इस साल होने वाले चुनावों पर है ना कि देश पर।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।