जम्मू-कश्मीर में पुलिसवाले एक बार फिर आतंकियों के निशाने पर हैं. घाटी से पुलिस कर्मियों के लापता होने की खबर है. बताया जा रहा है कि शोपियां जिले में संदिग्ध आतंकियों ने 3 स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स और एक पुलिसकर्मी को अगवा कर लिया है. घटना बीती रात की बताई जा रही है. हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि किस आतंकी समूह ने इन पुलिस कर्मियों को किडनैप किया है.
आतंकियों ने कुछ दिन पहले पुलिसकर्मियों को इस्तीफ़ा देने और ड्यूटी पर न जाने को कहा था, वरना अंज़ाम भुगतने की चेतावनी दी थी. पिछले महीने भी कई पुलिसकर्मियों को आतंकियों ने अगवा कर लिया था. हालांकि, बाद में एक आतंकी के पिता की रिहाई के बाद उन्हें छोड़ा गया था.
#JammuAndKashmir: 3 Special Police Officers (SPOs) and 1 police personnel have gone missing in South Kashmir's Shopian. More details awaited.
— ANI (@ANI) September 21, 2018
पुलिसकर्मियों के लापता होने की सूचना मिलते ही सुरक्षाबलों के साथ पुलिस ने सर्च अभियान चलाया है. अभियान के तहत लापता पुलिसकर्मियों को तलाशने की कोशिश की जा रही है. कहा जा रहा है कि यह आतंकवादियों द्वारा किया गया काम है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले कई बार घाटी में आतंकवादी पुलिसकर्मियों और सेना को निशाना बना चुके हैं. इससे पहले आतंकियों ने पुलिसकर्मी को किडनैप कर उनकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी, जिसके बाद पूरे राज्य में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी.
एनडीटीवी ने पुलिस के सूत्रों से बताया कि आतंकियों ने पुलिस वालों को कथित तौर पर चेतावनी दी है और उन्हें इस्तीफा देने को कहा है. बता दें कि बीते दिनों अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तान के सैनिकों ने बीएसएफ जवान की बर्बरतापूर्ण हत्या कर दी थी. पाकिस्तानी सैनिकों ने बीएसएफ जवान की गला रेत कर हत्या कर दी थी और फिर उसके शरीर में दो गोली भी मार दी थी.
बताया जा रहा है कि मंगलवार को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को इस्तीफा देने या मरने के लिए तैयार रहने की धमकी दी थी. आतंकियों ने यह धमकी वीडियो के जरिये जारी कर दी थी. माना जा रहा है कि धमकी देने वाला आतंकी लोकल कमांडर है, जिसे कश्मीरी भाषा में बोलते हुए सुना गया.
इससे पहले बीते दिनों दक्षिण कश्मीर के अलग-अलग इलाकों से आतंकवादियों ने 8 लोगों का अपहरण कर लिया. सूत्रों के अनुसार जिन लोगों का अपहरण किया गया था वे सभी पुलिसकर्मियों के परिजन थे. हालांकि, बाद में आंतिकयों ने उन्हें सकुशल रिहा कर दिया था.