कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने के समर्थन में राज्य विधानसभा से एक प्रस्ताव पारित करवाने को लिखा है जिसमें केंद्र से इस विधेयक को पारित करने का आह्वान किया गया हो. गांधी ने उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को यह पत्र लिखा है जहां कांग्रेस पार्टी सत्ता में है. उन्होंने अपनी पार्टी के शासित राज्यों से केंद्र से यह विधेयक पारित करवाने की अपील करते हुए प्रस्ताव पारित करने को कहा है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पंजाब के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में गांधी ने कहा है कि राज्यसभा ने 2010 में 108वां संविधान संशोधन विधेयक पारित किया लेकिन 15वीं लोकसभा 2014 में भंग होने के बाद वह विधेयक निष्प्रभावी हो गया.
उन्होंने लिखा है, 'कांग्रेस और कई दलों ने प्रधानमंत्री से महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने को सुनिश्चित करने की मांग की है और अपने समर्थन का वादा किया है. इस विधेयक के विरोधियों ने बदलाव लाने में महिलाओं की योग्यता पर आशंका प्रकट की है लेकिन 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधनों के बाद महिलाओं द्वारा निभायी गई नेतृत्व की भूमिका ने विरोधियों को गलत साबित कर दिया.'
Congress President Rahul Gandhi writes to Congress/Alliance Governments in states to pass a resolution in the next session to reserve one-third of the seats in the Lok Sabha and Legislative Assemblies for women. pic.twitter.com/Wk7xP6A2Cf
— ANI (@ANI) December 9, 2018
इस विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है.
गांधी ने कहा, 'इस विधेयक को पारित कराने के प्रति अपना समर्थन सामने रखने के लिए अगले सत्र में विधानसभा के लिए इस आशय का प्रस्ताव पारित करना जरूरी है कि लोकसभा और विधानसभा में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएं.'
उन्होंने कहा कि महिला कांग्रेस प्रमुख सुष्मिता देव ने भी पार्टी शासित सभी राज्य सरकारों को 23 नवंबर को पत्र लिखा था.
पंजाब के अतिरिक्त इस समय पुडुचेरी और कर्नाटक में भी कांग्रेस की सरकार है. इसके अलावा हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के बाद सामने आए एग्जिट पोल में कांग्रेस के खाते में तीन राज्य आने की संभावना जताई जा रही है, जिनके गठन के साथ ही उनकी विधानसभा में भी ऐसा ही प्रस्ताव पारित कराया जा सकता है.
ओडिशा में बीजेडी और आंध्र प्रदेश में टीडीपी पहले ही अपनी-अपनी विधानसभाओं में इस संबंध में प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र सरकार को भेज चुकी हैं. ऐसे में इस बिल के समर्थन में 8-9 राज्यों की सरकारों के प्रस्ताव पारित करा देने से केंद्र सरकार पर भी संविधान संशोधन लाने के लिए दबाव बन जाएगा.
महिला आरक्षण बिल में लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित करने को कहा गया है. इस बिल के पारित होते ही यह व्यवस्था लागू हो जाएगी, जिससे भारतीय राजनीति में महिलाओं को उचित हिस्सेदारी का मौका मिलेगा.