-

मार्केट शेयर के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया के कर्मचारियों के लिए नया साल बहुत सी खुशियां लेकर आया है। इस कदम से बेहद नजदीक से जुड़े सूत्रों ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि कंपनी मैनेजमेंट जून के बाद सैलरी हाइक देने के बारे में सोच रहा है, लेकिन प्रमोशंस की संभावना बहुत कम है। कंपनी ने पिछले साल का इंक्रीमेंट साइकिल को मिस कर दिया था।

आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया दोनों ने एंप्लॉयीज को 2017 से सैलरी हाइक नहीं दी है क्योंकि इस बीच उनके मर्जर का काम चल रहा था। मर्जर से बनी वोडाफोन आइडिया को दोनों कंपनियों की मिली जुली ताकत का फायदा मिल रहा है। ऐसे में देश की सबसे बड़ी मोबाइल फोन ऑपरेटर 16000 वर्कफोर्स को कॉम्पिटीटर्स के पास जाने से रोकने के लिए सैलरी हाइक देगी।

मामले के जानकार सूत्र ने कहा, 'औसत सैलरी हाइक 5-7% होगी और यह हर लेवल पर होगी। जब भी बड़े साइज के मर्जर होते हैं, कंपनियों के बीच एक तरह का डर बैठ जाता है। ज्यादातर लोग कंपनी में बने हुए हैं क्योंकि उन्हें अब तक सही मौका नहीं मिला है। एक साल बाद अब सैलरी हाइक मिलने से उनमें सही संदेश जाएगा।'

सैलरी हाइक की टाइमिंग अहम होगी क्योंकि भारती एयरटेल और रिलायंस जियो इंफोकॉम (जियो) ने पिछले साल थोड़ा बहुत ही सही इंक्रीमेंट और बोनस दिए थे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि उनके यहां इस साल भी अगले एक महीने में इंक्रीमेंट दिया जा सकता है। मामले के जानकार दूसरे सीनियर एग्जिक्यूटिव ने भी अगले कुछ महीनों में इंक्रीमेंट की संभावना बनने की पुष्टि की है।

सूत्रों के मुताबिक वोडाफोन आइडिया के सीईओ बालेश शर्मा ने हाल में एंप्लॉयीज से बातचीत में संकेत दिया था कि मैनेजमेंट जून में इंक्रीमेंट देने पर विचार कर रहा है। हालांकि कंपनी ने ईटी की तरफ से इस बाबत पूछे गए सवालों के जवाब में इतना लिखा है कि ये सवाल कंपनी के आंतरिक मामले से जुड़े हैं। सोमवार को बीएसई पर कंपनी का स्टॉक 2.44% गिरकर ~35.95 पर बंद हुआ।

वोडाफोन आइडिया ने कामकाजी खर्चों को काबू में रखने के लिए कॉस्ट घटाने के कई उपाय किए हैं। उन्होंने नई भर्तियों पर रोक लगाई हुई है, किसी को सैलरी हाइक या प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है। दोनों कंपनियों ने 12 महीने चले मर्जर प्रोसेस के दौरान 5000 से ज्यादा एंप्लॉयीज की छंटनी की।

एयरटेल और जियो से कड़ा मुकाबला झेल रही कंपनी ने महीने भर पहले कहा था कि दोनों कंपनियों और उनके नेटवर्क का इंटीग्रेशन प्लान के हिसाब से बढ़ रहा है। मर्जर से बनी कंपनी को होने वाली 14000 करोड़ रुपये की बचत का लाभ फिस्कल ईयर 2023 के बजाय 2021 में ही मिलने लगेगा। सूत्रों के मुताबिक इंक्रीमेंट तो इंडस्ट्री स्टैंडर्ड के हिसाब से होगा, लेकिन प्रमोशन के चांस नहीं हैं। दूसरे जानकार सूत्र ने कहा, 'कंपनी ने हाल ही में एंप्लॉयीज के बीच नए रोल्स और रिस्पॉन्सिबिलिटी बांटी है। नई हायरार्की भी क्रिएट की है, इसलिए अभी डेजिग्नेशन चेंज करना जल्दबाजी होगी।'