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भारतीय बैंकों को करीब 9 हजार करोड़ की चपत लगाकर फरार हो चुके शराब कारोबारी विजय माल्या ने वित्तीय मुश्किलों के बीच जान देने वाले भारतीय उद्यमी और कॉफी चेन कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के मालिक वीजी सिद्धार्थ के समर्थन में एक के बाद एक कई ट्वीट किए और भारत सरकार को उनकी मौत का दोषी और बेदर्द करार दिया है। 59 वर्षीय वीजी सिद्धार्थ दो दिन पहले मंगलुरु में लापता हो गए थे और बुधवार सुबह उनका शव मुलिहितलु द्वीप के पास नेत्रावती नदी से मिला। सिद्धार्थ कर्नाटक के पूर्व सीएम एस एम कृष्णा के दामाद थे।

कर्ज के बोझ में दबने की वजह से बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस का पूर्व बॉस विजय माल्या मनी लॉन्ड्रिंग और फ्रॉड के आरोप में भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ ब्रिटेन में केस लड़ रहा है।

माल्या ने वीजी सिद्धार्थ के साथ हुए घटनाक्रम के लिए भारत की सरकारी एजेंसियों और बैंकों को जिम्मेदार बताया है। माल्या ने कहा है कि सरकारी एजेंसियां और बैंक किसी को भी मायूस और नाउम्मीद कर सकती हैं। माल्या ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि देखिए मेरे साथ क्या हो रहा है जबकि मैं पूरे कर्जा चुकाने को तैयार हूं।

माल्या ने एक ट्वीट में कहा, 'मैं वीजी सिद्धार्थ से परोक्ष रूप से जुड़ा हुआ हूं। वह एक बढ़िया इंसान और बुद्धिमान उद्यमी थे। मैं उनके खत में लिखी बातों को देखकर टूटा हुआ महसूस कर रहा हूं। सरकारी एजेंसियां और बैंक किसी भी इंसान को निराशा में डाल सकती हैं। मेरे साथ क्या हो रहा है आप देख सकते हैं। मेरी कर्ज अदायगी की पेशकश के बावजूद मेरे साथ क्या कर रही हैं। ये निंदनीय और निर्मम है।' गौरतलब है कि माल्या, वीजी सिद्धार्थ के नजदीकी रिश्तेदार हैं।

सिद्धार्थ का शव मिलने से पहले उनका आखिरी लेटर सामने आया था जिसमें उन्होंने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पर आरोप लगाया था। हालांकि, अब इस खत की सत्यता पर सवाल उठ रहे हैं। माल्या ने भारत और पश्चिमी देशों के कर्जदारों की स्थिति की तुलना की है।

माल्या ने अगले ट्वीट में लिखा, 'पश्चिमी देशों में सरकार और बैंक कर्जदारों को कर्ज चुकाने में मदद करते हैं। मेरे मामले में वह कर्ज अदायगी में हर तरह से रोड़ा अटकाने की कोशिश कर रही हैं और मेरी संपत्तियों को पाने की होड़ में लगी हैं।'

इसके अलावा उसने सिद्धार्थ पर वित्तीय दबाव को लेकर किए गए कई ट्वीट्स को रीट्वीट किया। गौरतलब है कि सरकारी बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लेकर माल्या देश छोड़ गया था। वह इस समय लंदन में है और सरकार उसके प्रत्यर्पण के प्रयास में जुटी है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।