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आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम के पास बृहस्पतिवार तड़के एक पॉलिमर संयंत्र से गैस के रिसाव ने पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों को अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना में ग्यारह लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोगों को सांस लेने में दिक्कत और दूसरी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसने गंभीर औद्योगिक आपदा की आशंका को बढ़ा दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात का जायजा लिया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर चिंता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय और एनडीएमए के अधिकारियों से स्थिति के संबंध में बात की है जो हालात पर करीबी नजर रखे हुए हैं।

उन्होंने कहा, ''मैं सभी की सुरक्षा और विशाखापत्तनम के लोगों की कुशलक्षेम की प्रार्थना करता हूं।''

यहां पास में गोपालपत्तनम के तहत आने वाले वेंकेटपुरम गांव में स्थित एलजी पॉलिमर्स लिमिटेड के संयंत्र से स्टाइरीन वाष्प का रिसाव हुआ है। मृतकों में आठ साल का एक बच्चा भी शामिल है जबकि प्रभावित लोगों को निकालने के लिए गए कई पुलिसकर्मी भी इससे प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, प्रभावित गांव से भागने के दौरान दो लोग एक बोरवेल में गिर पड़े जिससे उनकी मौत हो गई। उनके शवों को बाद में निकाल लिया गया।

प्रभावित लोग ऑटो और दो पहिया गाड़ियों पर चिकित्सकीय सहायता के लिए दौड़े जबकि सरकारी कर्मियों ने जो भी संभव हुआ, वो प्राथमिक उपचार उन्हें देने की कोशिश की। लोग सड़क किनारे और नालों के पास बेहोश पड़े हुए थे, जो स्थिति की गंभीरता को बयान करता है। वही सरकार का कहना है कि रिसाव को नियंत्रित करना पहली प्राथमिकता है।

सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार तड़के वाष्प का रिसाव तब हुआ जब संयंत्र के कुछ श्रमिक इकाई को फिर से खोलने की तैयारी कर रहे थे। राज्य के औद्योगिक मंत्री मेकपति गौतम रेड्डी ने बताया कि एलजी पॉलिमर्स इकाई को लॉकडाउन के बाद बृहस्पतिवार को खुलना था। उन्होंने कहा, "हम (दक्षिण कोरियाई) कंपनी के शीर्ष प्रबंधन से संपर्क करने कोशिश कर रहे हैं... हमारी पहली प्राथमिकता रिसाव को रोकना और प्रभावित लोगों का उचित इलाज सुनिश्चित करना है।"

वाष्प रिसाव का नतीजा सैड़कों ग्रामीणों, जिनमें अधिकतर बच्चे हैं, को भुगतना पड़ा। उन्हें आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, जी मिचलाना और शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने जैसी परेशानियां हुईं। 250 से ज्यादा लोगों को सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

विशाखापत्तनम जिले के संयुक्त कलेक्टर वेणुगोपाल रेड्डी ने कहा कि आर आर वेंकेटपुरम गांव के सभी लोगों को वहां से निकाल के सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। बचाव अभियान के लिए गए कई पुलिस कर्मियों को भी सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन जैसे लक्षण हुए और वे बेहोश हो गए। सूत्रों ने बताया कि संयंत्र के 20 कर्मी सुरक्षा प्रोटोकॉल से अच्छी तरह वाकिफ थे और उन्होंने उचित कदम उठाए थे जिस वजह से वे प्रभावित नहीं हुए।

स्टाइरीन वाष्प आसपास के गांवों में फैल गया और सोते हुए लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। एनडीआरफ की टीमे मौके पर पहुंच गई हैं और रिपोर्टें कहती हैं कि सुबह में गैस रिसाव के स्रोत को रोक दिया गया था।

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गैस रिसाव की घटना को परेशान करने वाला बताया है। उन्होंने कहा, "विशाखापत्तनम की घटना परेशान करने वाली है। हम निरंतर स्थिति पर नजर रख रहे हैं।"

मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी घटना पर करीब से निगाह रख रहे हैं। रेड्डी ने जिंदगियां बचाने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हरसंभव कदम उठाने के लिए जिले के अधिकारियों से कहा है। उनके कार्यालय ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री विशाखात्तनम में किंग जॉर्ज अस्पताल जाएंगे जहां प्रभावित लोगों का इलाज चल रहा है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा द्वारा लिखा गया है.