भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय को शुक्रवार को मुंबई हवाई अड्डे पर विदेश जाने से रोक दिया गया। सीबीआई की ओर से जारी 'ऐहतियाती' लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) के आधार पर यह कार्रवाई की गई। एनडीटीवी ने एक बयान में कहा कि इन दोनों को 'सीबीआई ने दो साल पुराने भ्रष्टाचार के एक फर्जी और निराधार मामले के आधार पर रोका है।'
दिल्ली में सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक से जुड़े कथित धोखाधड़ी से संबंधित मामले में जून में दोनों के खिलाफ सावधानी के लिए निगरानी का नोटिस (एलओसी) जारी किया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि दोनों को इसी नोटिस के आधार पर देश छोड़ने से रोका गया है। एलओसी किसी व्यक्ति को देश छोड़ने से रोकने के उद्देश्य से जारी किया जाता है। एजेंसियां इसके आधार पर व्यक्ति को बाहर जाने से रोक सकती हैं पर इसके तहत उसे हिरासत में नहीं लिया जा सकता। अधिकारियों ने कहा कि यह एलओसी सिर्फ दोनों को देश छोड़ने से रोकने के लिए है, हिरासत में लेने के लिए नहीं। कंपनी ने बयान में यह नहीं बताया है कि दोनों कहां जा रहे थे। हालांकि, उसने कहा कि दोनों विदेश यात्रा से 16 अगस्त को लौटने वाले थे।
कंपनी ने कहा, 'मीडिया कंपनी मालिकों पर छापे और आज की यह कार्रवाई मीडियावालों के लिए चेतावनी है कि वे हां में हां मिलाएं नहीं तो कार्रवाई झेलें।' कंपनी ने कहा कि यह पूरी तरह से मूल अधिकारों का उल्लंघन है। बयान में एनडीटीवी ने अपने इन दोनों संस्थापकों को 'पत्रकार' कहा है। हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया है कि वे किस कारण से विदेश जा रहे थे।
आपको बता दें कि कथित बैंक धोखाधड़़ी मामले में दो साल पहले एनडीटीवी के मालिक रॉय के ठिकानों पर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने छापेमारी की थी। सीबीआई ने दो जून 2017 को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद बयान में कहा था कि वह कर्ज चूक की जांच नहीं कर रही है बल्कि भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों, सेबी के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन और आईसीआईसीआई बैंक की ओर से कंपनी के कर्ज पर ब्याज दर में कमी की जांच कर रही है।
इसके कारण बैंक को कथित रूप से 48 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इससे पहले, दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही एयरलाइन कंपनी के प्रवर्तक नरेश गोयल और उनकी पत्नी को विदेश जाने से रोका गया था। प्रवर्तन निदेशालय के उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने के बाद यह कार्रवाई की गई थी।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।