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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और औद्योगिक उत्पादन में सुधार के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं. उन्होंने अर्थव्यवस्था के लिये राहत की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के लक्ष्य से अच्छी खासी नीचे है.

सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत से नीचे रखने का लक्ष्य दिया है. हालांकि खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में कुछ तेज होकर 3.21 प्रतिशत पर पहुंच गई, लेकिन यह अब निर्धारित दायरे में है.

सीतारमण ने कहा कि 2018-19 की चौथी तिमाही में औद्योगिक उत्पादन से संबंधित सारी चिंताओं के बाद भी जुलाई 2019 तक हमें सुधार के स्पष्ट संकेत दिखाई देते हैं.

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को दोपहर बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में रियल एस्‍टेट को राहत देने की घोषणा की. निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश की आर्थिक हालत सुधर रही है. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और औद्योगिक उत्पादन का पुनरुद्धार सुधार का स्पष्ट संकेत है. उन्‍होंने यह भी कहा कि सरकार की पिछली घोषणाओं का असर दिख रहा है. निर्मला ने कहा, 19 सितंबर को मैं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से मिलूंगी.

निर्मला सीतारमण ने कहा, सीपीआई consumer प्राइस इंडेक्स कंट्रोल में है , महंगाई दर कम है. IP नंबर्स भी बेहतर हैं. 2018-19 Fiscal Deficit 3.4 फीसदी पर है. पार्शियल क्रेडिट गारंटी स्कीम इम्पलीमेंट हो चुकी है. बैंकों ने अब रेपो रेट से ईएमआई (EMI) लिंक करनी शुरू कर दी है. 19 सितंबर को बैंकों के चीफ के साथ बैठक है, जिसमें इसको लेकर रिपोर्ट मांगी जाएगी.

वित्‍त मंत्री ने यह भी कहा, 12 सितंबर से ई असेसमेंट स्कीम (E Assessment Scheme) को लागू किया जा चुका है. डीआईएन (DIN) यानी डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर के लिए 14 अगस्त से लागू हो चुका है. यानी कोई अधिकारी अब आपको पेपर्स के लिए परेशान नहीं कर सकता.

निर्मला ने कहा, एक्सपोर्ट के लिए सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं. औद्योगिक उत्पादन में इस वर्ष की पहली तिमाही में सुधार नजर आ रहा है. E-assessment स्कीम को 12 सितम्बर को नोटिफाई कर दिया गया है. छोटे टैक्सपेयर्स को छोटी मोटी प्रोसीज़रल गलतियों के लिए prosecute नहीं किया जाएगा. 9 सितम्बर को ये आदेश नोटिफाई किया गया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि निर्यात उत्पादों पर शुल्क या करों में छूट की योजना (आरओडीटीईपी) नई है. यह 1 जनवरी, 2020 से पूरी तरह से सभी मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स को इंडिया स्कीम (एमईआईएस) से बदल देगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, एक कदम से निर्यात के लिए कार्यशील पूंजी देने वाले बैंकों को उच्च बीमा कवर प्रदान करेगी, जिसकी लागत सरकार को प्रतिवर्ष 1700 करोड़ रुपये होगी.

उन्‍होंने यह भी कहा कि एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लोए सरकार 4 जगहों पर मार्च 2020 तक बड़े व्यापार मेला ऑर्गेनाइज करेगी. दुबई की तरह हैंडीक्राफ्ट, पर्यटन, योगा, टेक्सटाइल मेला भारत में भी लगाया जाएगा. एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए टैक्सेज और ड्यूटी के रिम्बर्समेंट को एक्सटेंड किया गया है. टैक्‍सटाइल सेक्‍टर को फायदा हुआ है, जबकि सरकार को 50,000 करोड़ रुपये का राजस्व का नुकसान हुआ है.

इनपुट टैक्स क्रेडिट के रिफंड पूरी तरह इस महीने तक ऑटोमैटिक हो जाएंगे. एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्‍योरेंस स्कीम का दायरा बढ़ाया गया है. इस पहल पर 1700 करोड़ रुपये खर्च होंगे. एमएसएमई के लिए एक्सपोर्ट क्रेडिट पर ब्याज दर घटाने में मदद मिलेगी.

निर्मला सीतारमण बोलीं, भारत मे एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए होंगे बड़े व्यापार मेले लगाए जाएंगे. एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्प ECIS के दायरे का विस्तार करेगा और निर्यात के लिए पैसे देने वाले बैंकों को उच्च बीमा कवर प्रदान करेगा. इसकी लागत सरकार को 1700 करोड़ रुपये प्रति वर्ष होगी.

वित्‍त मंत्री ने कहा, बजट में 45 लाख तक के घर खरीदने के लिए 1.5 लाख एडिशनल डिडक्शन का फायदा हाउस बायर्स को देने की घोषणा की गई थी. होम लोन ईएमआई को रेपो रेट से लिंक करने से फायदा हो रहा है. 1.95 करोड़ लोगों को पीएम आवास योजना के तहत 2022 तक मिल जाएंगे.

वित्‍त मंत्री बोलीं, स्पेशल विंडो हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए खोली जा रही है, जिसमें 10 हज़ार करोड़ का फंड हेागा. ऐसे प्रोजेक्ट जो NPA या फिर नॉन NCLT में हो उनके लिए दिया जा सकेगा. जिनके पैसे प्रोजेक्ट में फसे हुए हैं उनके लिए ये काफी काम आएगा, उनके लिए एक रास्ता निकालने की सरकार ने कोशिश की है. शिल्पकारी और हैंडलूम को बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट किया जाएगा. ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के जरिए भी बिक्री होगी.

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।