भारत में लगातार नौवें महीने जुलाई में भी वाहनों की बिक्री में गिरावट के बीच लागत पर लगाम रखने के लिए ऑटोमोबाइल कंपनियां न सिर्फ कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं, बल्कि अस्थायी तौर पर उत्पादन पर रोक लगा दी है। सूत्रों और कुछ दस्तावेजों से रॉयटर्स को यह जानकारी मिली है।
कर्मचारियों को भेजे गए कंपनी मेमो के मुताबिक, बिक्री में गिरावट से निपटने के लिए जापानी कार निर्माता कंपनी टोयोटा मोटर तथा दक्षिण कोरिया की ह्यूंडई मोटर उत्पादन रोकने वाली कंपनियों की सूची में अभी-अभी शामिल हुई हैं।
जुलाई में यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावट बीते दो दशक में सबसे अधिक रही है। वाहनों की बिक्री में गिरावट के कारण भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में कंपनियों को छंटनी के लिए मजबूर होना पड़ा है। इसके अलावा, कई कंपनियों को अपनी फैक्ट्रियों को कुछ दिनों के लिए बंद करना पड़ा है।
सूत्रों ने बताया कि मंदी के बदतर होने से कई कंपनियों ने अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की शुरुआत कर दी है। कारों के लिए पावरट्रेन तथा एयर-कंडिशनिंग सिस्टम बनाने वाली कंपनी डेन्सो कॉर्प्स की भारतीय इकाई ने उत्तर भारत स्थित मानेसर प्लांट से लगभग 350 अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
फ्यूल टैंक तथा ब्रेक पैड्स बनाने वाली कंपनी बेलसोनिका ने मानेसर स्थित अपने प्लांट से 350 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की है। इस कंपनी में दिग्गज कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की भी हिस्सेदारी है।
रॉयटर्स ने इस महीने की शुरुआत में अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि ऑटोमोबाइल, कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स तथा डीलर्स पहले ही 3,50,000 कर्मचारियों की छंटनी कर चुका है।
बीते सात अगस्त को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के साथ एक बैठक में उद्योग के प्रतिनिधियों ने बिक्री में जान फूंकने के लिए टैक्स कट तथा डीलर्स तथा बायर्स को आसानी से लोन देने की मांग की थी।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।