प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उनके लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में असल में कोई मुकाबला नहीं है। यह ऐसा तथ्य है, जिसे उनके घोर आलोचक भी स्वीकार करेंगे। हालांकि, उनके खिलाफ लड़ रहे प्रत्याशियों पर अगर गौर करें तो कुछ रोचक तथ्य निकलकर सामने आते हैं। 2014 में, मोदी के खिलाफ 41 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। इस वर्ष यह संख्या घटकर 25 हो गई है।
इसके बावजूद उनके खिलाफ एक 'छोटा भारत' चुनाव लड़ रहा है। ये 'स्पेशल 25' उम्मीदवार आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, केरल, उत्तराखंड समेत कई राज्यों के हैं और इसमें से प्रत्येक यहां कुछ न कुछ मुद्दे साबित करने आए हैं। महाराष्ट्र के एक किसान मनोहर आनंद राव पाटील महात्मा गांधी की तरह कपड़े पहनते हैं और अपने गले में उनका फोटो लटकाए रखते हैं। वह कहते हैं, 'मैं यहां मोदी को हराने नहीं आया हूं। मैं उनका ध्यान किसानों की दुर्दशा और बढ़ते भ्रष्टाचार की ओर दिलाना चाहता हूं।'
आंध्र प्रदेश से यहां मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने आए मानव विश्वमानव भी प्रधानमंत्री का ध्यान किसानों की दुर्दशा की ओर खींचना चाहते हैं। उनके किसान पिता का देहांत हो गया है और उनकी मां विशाखापत्तनम में कुली का काम करती हैं। हॉकी खिलाड़ी ओलिंपियन दिवंगत मोहम्मद शाहिद की बेटी हिना शाहिद भी मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। उनका कहना है कि वह संसद इसलिए जाना चाहती हैं ताकि वह महिलाओं का मुद्दा उठा सके। उन्होंने कहा, 'मैं जानती हूं कि मैं मोदी को नहीं हरा सकती लेकिन किसी को इसीलिए घर में नहीं बैठ जाना चाहिए कि वह (मोदी) एक मजबूत उम्मीदवार हैं।'
मनीष श्रीवास्तव छत्तीसगढ़ के रायपुर से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने आए हैं। वह चाहते हैं कि सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी संतानों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाना अनिवार्य कर दे और सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधा मुहैया कराए। उनका मानना है कि इससे इन क्षेत्रों को बेहतर बनाने और भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलेगी। उत्तराखंड के हरिद्वार से आए सुनील कुमार इस सीट से चुनाव लड़ने आए हैं और गंगा के लिए राष्ट्रीय नदी का दर्जा चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'मोदी की तरह मैं भी गंगा पुत्र हूं क्योंकि मैं गंगा किनारे रहता हूं।'
लखनऊ के मलीहाबाद से चुनाव लड़ने आए शेख सिराज बाबा ने कहा कि वह गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे। उनका मुख्य मुद्दा गायों का संरक्षण और गोकशी पर रोक लगाना है। इन उम्मीदवारों के अलावा, कानपुर से कृषि वैज्ञानिक राम शरण राजपूत, वाराणसी के वकील प्रेम नाथ शर्मा, बरेली से त्रिभुवन शर्मा और लेखक अमरेश मिश्रा चुनाव मैदान में हैं। इसके अलावा कांग्रेस के अजय राय और समाजवादी पार्टी से शालिनी यादव भी इस निर्वाचन क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।