अगले साल भारत में कर्मचारियों का वेतन एशिया में सर्वाधिक 9.2 प्रतिशत बढ़ सकती है। हालांकि इस खुशी को 'महंगाई डायन' काफी हद तक कम कर देगी और महंगाई दर को समाहित करने के बाद वास्तविक वृद्धि 5 प्रतिशत ही रह जाएगी। सोमवार को सामने आई एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
कॉर्न फैरी ग्लोबल सैलरी फोरकास्ट के मुताबिक, भारत में कर्मचारियों की की तनख्वाह औसतन 9.2 प्रतिशत बढ़ सकती है, लेकिन महंगाई दर को समाहित करने के बाद यह वृद्धि करीब आधी रह जाएगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एशिया में भारत सर्वाधिक वेतन वृद्धि वाले देश के रूप में उभरा है।
कॉर्न फैरी इंडिया के चैयरमैन और रीजनल मैनेजिंग डायरेक्टर नवनीत सिंह ने कहा, 'दुनिया में मेहनताना में गिरावट के बावजूद भारत में तेज वृद्धि दिख रही है। मौजूदा आर्थिक परिदृश्य और सरकार के रिफॉर्म्स के बीच अधिक वेतन वृद्धि की आशा बनी हुई है।'
अनुमान के मुताबिक, 2020 में वैश्विक रूप से सैलरी 4.9 प्रतिशत बढ़ेगी, जबकि 2.8 प्रतिशत अनुमानित महंगाई दर के बाद वास्तविक वेतन वृद्धि 2.1 फीसदी रह जाएगी। 2020 में एशिया में सर्वाधिक सैलरी ग्रोथ की दर 5.3 फीसदी रहने का अनुमान है। रियल वेज वेतन की बात करें तो 2.2 फीसदी के इन्फ्लेशन रेट के साथ समाहित करने के बाद वह 3.1 फीसदी रहेगी।
कॉर्न फेरी इंडिया के असोसिएट क्लाइंट पार्टनर रूपक चौधरी ने कहा, 'भारत में 2020 में औसत सैलरी ग्रोथ 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, और लो इन्फ्लेशन के साथ असल सैलरी ग्रोथ 5.1 फीसदी रहेगी, जो विश्व में सबसे ज्यादा सैलरी ग्रोथ में शामिल होगी।'
अन्य एशियाई देशों की बात करें तो इन्डोनेशिया के लिए यह सैलरी ग्रोथ का औसत 8.1 फीसदी, मलयेशिया, चीन और कोरिया के लिए क्रमशः 5%. 6% और 4.1 फीसदी रहने का अनुमान है। जापान और में यह दर सबसे कम(2%) रहने रका अनुमान है, जबकि 3.9% के औसत के साथ ताइवान का नंबर जापान के बाद है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.