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ANI

लोकतंत्र के महापर लोकसभा चुनाव का दो तिहाई सफर पूरा हो चुका है और सोमवार को हुए मतदान के साथ पांच चरणों के मतदान की प्रक्रिया भी पूरी हुई। बाकी बचे दो चरणों में अब 118 सीटों पर मतदान होना है, वहीं 543 में से 424 सीटों पर मतदान हो चुका है। पांचों चरणों को मिलाकर देखा जाए तो अबतक वोटिंग प्रतिशत 67.25 है। इस मिले-जुले वोट प्रतिशत पर बात की जाए तो सभी दल इसे अपने पक्ष में जाता बताते हैं। भारतीय जनता पार्टी लगातार दावा कर रही है कि उनका प्रदर्शन पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले बेहतर होगा। वहीं दूसरे दल इसे परिवर्तन की लहर मान रहे हैं।

सामान्यता बहुत अधिक वोटिंग होने से ऐसा संदेश जाता है कि यह परिवर्तन के लिए भीड़ उमड़ी है, जबकि उदासीन वोट से संदेश जाता है कि वोटरों में इसके प्रति उत्साह नहीं, जिसे सत्ता पक्ष अपने लिए उम्मीद के रूप में देखता है। हालांकि, यह मिथ भी हाल के दौरान कई चुनावों के दौरान टूटा है।

देशभर की कई हॉट सीट्स जिनपर बड़े चेहरों के बीच कांटे की टक्कर है उनपर चुनाव निपट चुका है। इसमें मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, नागपुर, हैदराबाद, मथुरा, आगरा, अमरोहा, बांका, श्री नगर, शिवगंगा, वायनाड, गांधीनगर, राजकोट, अनंतनाग, रामपुर, मैनपुरी, बेगूसराय, कन्नैज, उन्नाव, कानपुर, आसनसोल, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ, हजारीबाग, जयपुर ग्रामीण, नागौर और हाजीपुर आदि सीट शामिल हैं। हालांकि, अभी दिल्ली की कुछ हॉट सीट्स के साथ-साथ वाराणसी में चुनाव होना बाकी है। 

सुरक्षा के लिहाज से जम्मू कश्मीर की सिर्फ 6 सीटों पर पांच चरणों में चुनाव करवाया गया। वहीं पश्चिम बंगाल की कुल 42 सीटों पर सात चरणों में चुनाव हो रहा है। लेकिन इस व्यवस्था का असर मिला-जुला दिखा। कश्मीर में वोटिंग प्रतिशत अब भी कम है। वहीं बंगाल में वोट को जमकर पड़े लेकिन वहां हर चरण में हिंसा की घटनाएं भी सामने आई हैं। पांच चरणों की वोटिंग के आधार पर देखा जाए तो पश्चिम बंगाल में हर चरण में बंपर वोटिंग हुई है। 

सांकेतिक तस्वीर
Creative Commons/UNDP in India

इसमें पहले चरण में 81, दूसरे चरण में 76, तीसरे में 79.36, चौथे में 76 और पांचवे में 63.4 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं जम्मू कश्मीर में वोटिंग प्रतिशत अबतक काफी कम रहा है। वहां पहले चरण में 54, दूसरे चरण में 47, तीसरे में 12.86, चौथे में सिर्फ 10 और पांचवे में 17.07 प्रतिशत मतदान हुआ।

हिंसा की घटनाओं के चलते जम्मू कश्मीर की अनंतनाग सीट पर इसबार तीन चरणों में मतदान करवाया गया। देश में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी एक ही सीट पर तीन चरणों में चुनाव हो रहा था। हालांकि, इसका कोई खास फायदा देखने को नहीं मिला क्योंकि लोग वोटिंग को उत्साहित नहीं थे। इसके अलावा आतंकी बुरहान वानी के गांव में किसी ने मतदान नहीं किया। वहीं पुलवामा के आत्मघाती हमलावर के गांव में केवल 15 वोट ही पड़े।