बीजेपी ने मंगलवार को कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे एजेंडे देश को तोड़ने का काम करते हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'कांग्रेस के घोषणा पत्र में कहा गया कि जो वो वादे करते हैं उसे निभाते हैं. इस घोषणा पत्र में ऐसी बातें हैं जो देश को तोड़ने वाली हैं और देश की एकता के खिलाफ हैं.'
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस के मेनिफेस्टो में जो आइडिया है वह खतरनाक है. राहुल गांधी के दोस्तों ने जो मेनिफेस्टो बनाया है वह जम्मू-कश्मीर और राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर सही नहीं है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कहा कि वह जो वादे करते हैं उसे लागू करते हैं. इस मेनिफेस्टो में ऐसे एजेंडे हैं जो देश को तोड़ने का काम करते हैं. यह राष्ट्र की एकता के खिलाफ जाते हैं. जो कांग्रेस पार्टी और नेहरू गांधी परिवार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर जो निर्णय लिया था वह ऐतिहासिक भूल थी. उसके लिए देश उन्हें कभी माफ नहीं कर सकता है. उस एजेंडो को और खतरनाक तरीके से आगे बढ़ाने की तैयारी है.
#WATCH Union Finance Minister & BJP leader Arun Jaitley on Congress manifesto: Some of the ideas are positively dangerous, they are an agenda for the balkanisation of India. pic.twitter.com/XPp8LDXM4c
— ANI (@ANI) April 2, 2019
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के घोषणा-पत्र पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि कांग्रेस खतरनाक वादे कर रही है. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस का आज का नेतृत्व जिहादियों और माओवादियों के चंगुल में है. वो घोषणा पत्र में कह रहे हैं कि आईपीसी से सेक्शन 124-A हटा दिया जाएगा, देशद्रोह करना अब अपराध नहीं है. जो पार्टी ऐसी घोषणा करती है, वो एक भी वोट की हकदार नहीं है.'
अरुण जेटली ने कहा कि मेनिफेस्टो के 35वें पन्ने में कहा गया है रूल-रेगुलेशन और कानून का रिव्यू होगा. राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर इस मेनिफेस्टो में कहा गया है- यह स्पष्ट है कि जितना हमनें आतंक के खिलाफ झेला है किसी देश ने नहीं झेला होगा. आतंक के खिलाफ लड़ाई 26/11 के बाद शुरू नहीं हुई थी. हम आतंकवादी की समस्या को काफी हद तक काबू कर चूके हैं. हमनें जम्मू-कश्मीर का एख बड़ा हिस्सा खोया. उसके बाद जिस प्रावधान को पंडित नेहरू ने इंदिरा जी ने, मनमोहन सिंह ने छूने का प्रयास नहीं किया. वह कहते हैं कि देशद्रोह करना अब अपराध नहीं होगा. जो पार्टी ऐसी घोषणा करती है वह एक भी वोट की हकदार नहीं है.
दूसरा प्रावधान है- सीआरपीसी को बदला जाएगा, कि जमानत अब से नियम बन जाएगा और जमानत न देना उसका अपवाद. यानी आतंकवादी भी जमानत ले पाएगा. फिर जो महिलाओं से अपराध करेगा उसे जमानत मिलेगी. जो बड़े-बड़े घटनाएं करते हैं सीआरपीएफ के स्टेट पुलिस के लोगों को मारते हैं. यह प्रावधान डाला गया है कि जेहादियों और नक्सलियों को जमानत देने के लिए. तीसरा- हम आर्मस फोर्स स्पेशल पावर एक्ट को एमेंड करेंगे.
'न्याय' योजना को लेकर अरुण जेटली ने कहा कि मेनिफेस्टो बनाने वाले ने कहा कि जब अर्थव्यवस्था बढ़ेगी तो उसी से साधन आएगा. यह इस योजना को लागू करने का रोडमैप है. 19-20 बेज पर प्वाइंट नंबर 9 पर लिखा है कि इसे लागू करने के बाद अर्थव्यवस्था पर कोई बोझ नहीं होगा. दूसरा इसे फेज में लागू किया जाएगा. एक साथ नहीं. जब कुछ चरण में इस योजना को सफलता मिलेगी तो पूरे देश में लागू किया जाएगा. आज दो और संकेत मिल गए मेनिफेस्टो में. पहला कि यह सिर्फ केंद्र की योजना नहीं है इसके साधन राज्यों से भी आएंगे. दूसरा यह कह दिया कि मेरिट बेस्ड फायदा दिया जाएगा. कांग्रेस ने अपने हाथ में एक हथियार रख लिया है.
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी कर दिया है. इस दौरान यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सहित पार्टी के पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे. घोषणा पत्र जारी करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जब हमने एक साल पहले घोषणा पत्र को लेकर प्रक्रिया शुरू की थी तो मैंने पी. चिदंबरम और राजीव गौड़ा को दो बातें कही थीं. मैंने कहा था कि यह बंद कमरे में बनाया हुआ घोषणा पत्र नहीं होना चाहिए. इसमें भारत के लोगों की बातें होनी चाहिए. दूसरी यह सच्चाई पर आधारित होना चाहिए, इसमें एक भी बात झूठ पर आधारित नहीं होना चाहिए. हम लोग हमारे प्रधानमंत्री से रोजाना झूठ सुनते रहते हैं. कमेटी ने इन दोनों बातों पर अच्छे से काम किया है.
जेटली ने नेहरू-गांधी परिवार की जम्मू कश्मीर नीति पर सवाल उठाया और कांग्रेस के घोषणापत्र को उसका निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, 'नेहरू-गांधी परिवार की जम्मू कश्मीर को लेकर जो ऐतिहासिक भूल थी, उसी एजेंडे को ये आगे बढ़ा रहे हैं।'