लोकसभा चुनाव के दौरान अप्रैल और मई के महीने में अपने ट्विटर अकाउंट पर कम से कम 20 बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम ले चुके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव के बाद मोदी-विरोधी ट्वीट करना बिलकुल बंद कर दिया है। केजरीवाल ने 15 अप्रैल से 15 मई तक जहां अपने ट्वीट्स में 21 बार (ज्यादातर ट्वीट हिंदी में) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया, वहीं इस दौरान उन्होंने उन्होंने मोदी और मोदी सरकार के खिलाफ भी कई ट्वीट किए।
इस दौरान आम आदमी पार्टी (आप) ने यहां तक कि मोदी और पाकिस्तान के बीच रिश्ते पर प्रश्न पूछ लिया। केजरीवाल ने न सिर्फ मोदी, बल्कि कई बार बीजेपी और नई दिल्ली में उसके लोकसभा प्रत्याशियों पर हमले किए।
केजरीवाल के ट्विटर पर 1.56 करोड़ फॉलोवर हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि मोदी दिल्ली में आप सरकार को कमजोर करने के लिए उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। एक ट्वीट में उन्होंने अमित शाह पर हमला करते हुए कहा था, 'चुनाव के बाद शाह गृहमंत्री बन जाएंगे।'
लोकसभा चुनाव के बाद केजरीवाल में बदलाव देखा जा सकता है। मुख्य बात यह थी कि केजरीवाल के मोदी-विरोधी ज्यादातर ट्वीट्स हिंदी में थे और मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने उन्हें कभी टैग नहीं किया। हालांकि चुनाव के बाद उन्होंने मोदी के संबंध में चार ट्वीट किए और सभी ट्वीट अंग्रेजी में किए, जिनमें दो बार उन्होंने मोदी को ट्वीट भी किया।
लोकसभा चुनाव के बाद चार ट्वीट्स में पहला ट्वीट मोदी के चुनाव जीतने पर उन्हें बधाई देने वाला था। केजरीवाल ने 23 मई को ट्वीट किया, 'मैं नरेंद्र मोदी को ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई देता हूं और दिल्ली की जनता की भलाई के लिए उनसे सहयोग की उम्मीद करता हूं।'
इसके बाद दूसरा ट्वीट उन्होंने 20 जून को किया, जब दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली और केंद्र सरकार को साथ काम करना होगा, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी के विकास के लिए दिल्ली सरकार का पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है।
शेष दो ट्वीट्स में मोदी ने केजरीवाल को उनके जन्मदिन पर और केजरीवाल ने मोदी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं।
केजरीवाल में यह बदलाव काफी रोचक है, क्योंकि आप और मोदी सरकार के बीच फरवरी 2015 में केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही तनाव रहा है। केजरीवाल मोदी सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ काफी मुखर रहे थे। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कहा कि आप प्रमुख बदल गए हैं, क्योंकि 'केजरीवाल समझ गए हैं कि जनता मोदी के साथ है।'
बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा, 'रंग बदलने में माहिर लोग मौसम के अनुसार ही काम करेंगे। उन्हें (केजरीवाल और आप) एहसास हो गया है कि मोदी के खिलाफ खड़े होने का समय नहीं है। लेकिन लोग होशियार हैं। वे केजरीवाल की योजना जानते हैं।'
उन्होंने कहा कि अब जब बीजेपी ने मोदी के नेतृत्व में धमाकेदार जीत दर्ज की है तो 'केजरीवाल ने अपने हाथ वापस खींच लिए हैं, क्योंकि उन्हें एहसास हो गया है कि जनता मोदी और बीजेपी के साथ है।'
आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जब मोदी पहली बार प्रधानमंत्री चुने गए थे तो 'मुख्यमंत्री (केजरीवाल) और उप मुख्यमंत्री (मनीष सिसोदिया) उनसे मिलने गए थे। मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्रियों से मिलते रहे हैं, यह नई बात नहीं है कि केजरीवाल केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने की कोशिश कर रहे हैं।'
भारद्वाज ने कहा कि पार्टी और केजरीवाल मोदी और केंद्र सरकार के साथ सकारात्मक संवाद करना चाहते हैं। अरविंद केजरीवाल सरकार का कार्यकाल फरवरी 2020 में समाप्त हो जाएगा और कुछ महीनों में दिल्ली में चुनाव होने वाले हैं।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।