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IANS

देश का सबसे बड़ा 'सेक्स स्कैंडल' माने जा रहे मध्य प्रदेश के हनी ट्रैप कांड की आरोपियों ने सेक्स वीडियो का इस्तेमाल सिर्फ जाल में फंसे नेताओं, अधिकारियों को ब्लैकमेल करने के लिए नहीं किया था। इसके अलावा लोकसभा चुनाव के दौरान नेताओं के सेक्स वीडियो को मुंहमांगी कीमत पर उनके विरोधी दलों के नेताओं को बेचने की भी कोशिश हुई थी।

आरोपियों को लगता था कि नेताओं के अश्लील वीडियो के लिए उनके प्रतिद्वंद्वी मुंहमांगी कीमत देने के लिए तैयार हो जाएंगे ताकि संबंधित नेताओं की छवि खराब कर राजनीतिक फायदा लिया जा सके। लेन-देन को लेकर हनी ट्रैप कांड की 2 आरोपियों की कांग्रेस और बीजेपी के कुछ नेताओं से कई दौर की बातचीत भी हुई लेकिन पैसों को लेकर सौदेबाजी अटक गई।

हनी ट्रैप कांड के आरोप में पकड़ी गईं महिलाओं में से 2 ने लोकसभा चुनाव के दौरान कई बड़े नेताओं के युवतियों के साथ अंतरंग संबंध वाले वीडियो 30 करोड़ रुपये में बेचने की कोशिश की थी। इस मामले में लेन-देन को लेकर कुछ नेताओं से इन महिलाओं की कई दौर की बातचीत भी हुई थी। सूत्रों का कहना है कि राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता बदलने पर इन महिलाओं का नई सरकार में दखल कम हो चला था, लिहाजा इन महिलाओं ने सरकार से जुड़े दल कांग्रेस के कई नेताओं और दूसरी ओर विपक्षी दल बीजेपी के नेताओं से संपर्क बनाए रखा था।

इन महिलाओं ने दोनों दलों के कई नेताओं के वीडियो होने का दावा करते हुए मनचाही रकम मांगी, लेकिन जब बात नहीं बनी तो उन्होंने नेताओं से व्यक्तिगत संपर्क किया। भोपाल के एक नेता का वीडियो भी इन महिलाओं ने बनाया था और उस वीडियो के आधार पर बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही दलों के नेताओं से उसका सौदा करना चाहा था।

सूत्र बताते हैं कि एक राजनीतिक दल के नेता कई वीडियो 6 करोड़ रुपये में खरीदने को राजी भी हो गए, मगर महिलाएं और उनके करीबी लोग 30 करोड़ रुपये से कम पर वीडियो बेचने को तैयार नहीं हुए। सूत्रों का कहना है कि इन महिलाओं को इस बात का गुमान था कि राजनीतिक दलों से जुड़े लोग उनके वीडियो मनचाही कीमत में खरीद लेंगे, क्योंकि इनके जरिए दूसरे दल के नेताओं की छवि को प्रभावित किया जा सकता था। लेकिन मांगी गई रकम बहुत ज्यादा होने के कारण कोई भी लेने के लिए राजी नहीं हुआ।

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरIANS

राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों की बात पर भरोसा करें तो चुनाव के दौरान इन महिलाओं का वीडियो का सौदा नहीं हो पाया। उसके बाद इन महिलाओं ने सीधे संबंधित नेताओं से संपर्क बनाकर छोट-मोटी रकम ऐंठी। वहीं चुनाव के बाद पुलिस विभाग और सरकार के लेागों ने इन पर नजर रखना शुरू कर दिया, क्योंकि इन महिलाओं के पास कई बड़े लोगों के वीडियो होने की बात सामने आ चुकी थी।

नगर निगम के इंजिनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस अबतक 5 महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच टीम) का गठन किया जा चुका है। एसआईटी के सूत्रों का कहना है कि पकड़ी गई महिलाओं के मोबाइल, लैपटॉप और पेन ड्राइव से बड़ी संख्या में वीडियो क्लिपिंग मिली हैं।

एसआईटी को क्लिपिंग की 4000 से ज्यादा फाइलें हाथ लगी हैं और कई तस्वीरें व ऑडियो क्लिपिंग भी बरामद हुई हैं। आरोपी महिलाओं ने पूछताछ में कई नेताओं और अफसरों के नामों का भी खुलासा किया है। एसआईटी फिलहाल कुछ भी बताने से बच रही है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।