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भारतीय व्यवसायी और कॉफी चेन कैफे कॉफी डे (सीसीडी) आउटलेट्स के मालिक वीजी सिद्धार्थ के गायब होने के 36 घंटे बाद बुधवार, 31 जुलाई की सुबह उनका शव बरामद हुआ है। जानकारी के मुताबिक, सिद्धार्थ का शव मंगलुरू के हौजी बाजार के पास नेत्रावती नदी के किनारे से बरामद हुआ है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मंगलुरु पुलिस कमिश्नर संदीप पाटिल ने बताया कि उन्हें आज सुबह ही एक शव मिला है। अभी इसकी पहचान होना बाकी है। हमने वीजी सिद्धार्थ के परिजनों को इसकी सूचना दे दी है। सिद्धार्थ की तलाश के लिए पुलिसकर्मी, तटरक्षक बल, गोताखोर और मछुआरे सहित लगभग 200 लोग लगाए गए थे।

बता दें, सिद्धार्थ पिछले 36 घंटे से लापता थे। उनके लापता होने से पहले उनके मोबाइल फोन पर आयकर विभाग की दर्जनों कॉल आई थीं। इसके अलावा कर्नाटक के ही दो उद्योगपति भी फोन पर लगातार उनके संपर्क में रहे।

पुलिस को यह भी मालूम चला था कि पिछले सप्ताह वीजी सिद्धार्थ की कुछ लोगों के साथ बैठक हुई थी। यह बैठक घर या दफ्तर में नहीं, बल्कि किसी अन्य जगह रखी गई। मंगलुरू पुलिस को वीजी सिद्धार्थ के फोन की जांच में यह जानकारी मिली थी। पुलिस ने मंगलवार को सिद्धार्थ के बंगलुरू स्थित दफ्तर में पूछताछ की थी।

इससे पहले सिद्धार्थ (60) के कार चालक बसवराज पाटिल ने मेंगलुरु में एक पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया कि उनके मालिक पुल से लापता हो गए थे, जहां वह कार से उतरे थे और कुछ देर टहलना चाहते थे। चालक द्वारा दर्ज मामले के अनुसार,'सिद्धार्थ नेथरवती नदी के पुल पर कार से उतर गए और यह कहकर कि वह थोड़ी देर सैर करना चाहते हैं, उसे पुल के दूसरे छोर पर इंतजार करने के लिए बोलकर चले गए, लेकिन एक घंटे बाद भी नहीं लौटे।'

पुलिस को शक है कि सिद्धार्थ बहती नदी में कूद गए होंगे तभी ड्राइवर को वहां नहीं मिले। सिद्धार्थ बीजेपी के वरिष्ठ नेता और यूपीए-2 सरकार में विदेश मंत्री (2009-2012) रह चुके एस. एम. कृष्णा के सबसे बड़े दामाद हैं। कृष्णा 1999 से 2004 के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। सिद्धार्थ ने 18 मार्च को 10 रुपये की फेस वैल्यू पर 980 रुपये प्रति शेयर की दर से शहर में सॉफ्टवेयर कंपनी माइंडट्री लिमिटेड में अपने कुल 20 प्रतिशत शेयर मुंबई की कंपनी लार्सन एंड टॉब्रो (एल ऐंड टी) को 3,300 करोड़ रुपये में बेच दिए थे। वह अपनी कंपनी पर चढ़े कर्ज को चुकाना चाह रहे थे।