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15 साल बाद प्रदेश की सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में चुनने का फैसला किया है. कांग्रेस ने ट्वीट कर कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनने की बधाई दी. 11 दिसंबर को घोषित हुए चुनाव परिणाम के बाद राज्य के नये मुख्यमंत्री के चयन के लिए कांग्रेस में भारी माथापच्ची हुई. कमलनाथ के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सीएम पद की रेस में थे. 

मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद कमलनाथ ने कहा कि मुझे पद की कोई भूख नहीं है. अगला समय काफी चुनौती का है. यह पद मेरे लिए मील का पत्थर है. कमलनाथ ने सिंधिया को भी धन्यवाद दिया.

कमलनाथ का मुख्यमंत्री पद पर चुना जाना यह बताता है कि राज्य में कांग्रेस ने अनुभव को तव्ज्जो दी है. बताते चले कि कमलनाथ एमपी से कांग्रेस के सबसे पुराने और दिग्गज नेता है. मात्र 34 वर्ष की उम्र में कमलनाथ मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से चुन कर सांसद पहुंचे थे. कमलनाथ 9 बार इस सीट से सांसद चुने जा चुके हैं. कमलनाथ की गिनती कांग्रेस के सबसे विश्वासी नेताओं में की जाती है.

कांग्रेस की अगुवाई वाली पिछली सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे कमलनाथ मध्य प्रदेश में कांग्रेस द्वारा सत्तारुढ़ भाजपा के खिलाफ जीत दर्ज करने के समय से ही मुख्यमंत्री पद के शीर्ष दावेदार थे. राज्य में पिछले 15 साल से भाजपा सत्ता में थी. पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे.

कांग्रेस ने ट्वीट किया, ''कमलनाथ के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री निर्वाचित होने पर उन्हें हमारी शुभकामनाएं. उनकी कमान में राज्य में एक नये युग का सूत्रपात होने जा रहा है.''

कांग्रेस की ओर से नियुक्त केंद्रीय पर्यवेक्षक ए के एंटनी और भंवर जितेंद्र सिंह ने भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि कांग्रेस विधायक दल ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की मंशा के अनुरूप वरिष्ठ नेता कमलनाथ को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना है. बुधवार को ही कांग्रेस विधायक दल ने प्रस्ताव पारित कर अपना नेता चुनने के अधिकार राहुल गांधी को सौंप दिए थे. इस मौके पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार अभियान समिति के प्रमुख ज्योतिरादितय सिंधिया, वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और अरुण यादव भी उपस्थित थे.

कमलनाथ मध्यप्रदेश के कांग्रेस प्रमुख हैं, तो सिंधिया प्रचार कमेटी के प्रमुख रहे हैं. कमलनाथ की पहचान एक अनुभवी वार्ताकार की रही है, लेकिन सिंधिया मध्यप्रदेश में ज्यादा लोकप्रिय चेहरा रहे हैं. कमलनाथ को दिग्विजय सिंह का भी समर्थन हासिल है तो वहीं, सिंधिया की वजह से कांग्रेस को ग्वालियर, चंबल संभाग में बड़ी जीत मिली है, जिसका उन्होंने दावा भी किया है.