इस साल राज्यसभा में विपक्ष की ताकत और कम होने की संभावना है। दरअसल, इस साल राज्यसभा की 68 सीटें खाली होने जा रही हैं। इनको भरने के लिए होने वाले चुनावों में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस को अपनी कुछ सीटें गंवानी पड़ सकती हैं। जानकारी के मुताबिक, कुछ राज्यों में कांग्रेस की क्षमता कम होने के कारण उसे राज्यसभा के लिए होने वाले चुनावों में शामिल अपनी करीब 19 में से 9 सीटें तक गवांनी पड़ सकती है।
आपको बता दें कि ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा, ज्योतिरादित्य सिंधिया और रणदीप सुरजेवाला जैसे बड़े नेताओं को राज्यसभा में लाने पर विचार कर रही है। कांग्रेस को अपने दम पर 9 सीटों को बरकरार रखने का भरोसा है और अपने सहयोगियों की मदद से एक या दो से अधिक सीटें और जीत सकती है। कांग्रेस उन राज्यों में सीटें हासिल कर सकती है जहां वह सत्ता में हैं।
सूत्रों के मुताबिक, अप्रैल, जून और नवंबर में 68 रिक्तियों को भरने के लिए चुनाव होने के बाद विपक्ष की ताकत में गिरावट आएगी, जिससे सत्तारूढ़ एनडीए धीरे-धीरे उच्च सदन में बहुमत की ओर बढ़ सकता है। राज्यसभा की 51 सीटें अप्रैल में खाली हो रही हैं, जून में 5 और जुलाई में 1 और नवंबर में 11 सीटें खाली होंगी।
मोतीलाल वोरा, मधुसूदन मिस्त्री, कुमारी शैलजा, दिग्विजय सिंह, बीके हरिप्रसाद और एमवी राजीव गौड़ा कांग्रेस के उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, जिनका कार्यकाल अप्रैल और जून में समाप्त हो रहा है। उनमें से, वोरा, शैलजा और दिग्विजय सिंह को पार्टी द्वारा फिर से नामित किए जाने की संभावना है।
कांग्रेस नेता राज बब्बर और पीएल पुनिया को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से फिर से नामित किए जाने की संभावना नहीं है। इन राज्यों में बीजेपी की सरकार है और इससे भगवा दल को बड़ा लाभ होगा। आपको बता दें कि उत्तराखंड से राज्यसभा की 1 सीट और उत्तर प्रदेश से 10 सीटें इस साल नवंबर में खाली हो रही हैं।
राज्यसभा में महाराष्ट्र से 6 सीटें खाली हो रही हैं, जिनमें एनसीपी शरद पवार की सीट भी शामिल हैं। इसके अलावा तमिलनाडु से भी 6 सीटें खाली हो रही हैं, जबकि पश्चिम बंगाल और बिहार से 5-5 और गुजरात, कर्नाटक व आंध्र प्रदेश से 4-4 सीटें खाली होंगी। कांग्रेस राजस्थान से खाली हो रही राज्यसभा की तीन में से दो सीटें रख सकती है, जबकि मध्य प्रदेश से तीन में से दो, छत्तीसगढ़ से दो, महाराष्ट्र और कर्नाटक से एक-एक सीट जीत सकती है। कांग्रेस कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मेघालय और असम में कुछ सीटें गवाएगी।
गौरतलब है कि सत्तारूढ़ एनडीए के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है और सरकार को राज्यसभा में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करवाने के लिए एआईएडीएमके और बीजेडी जैसे मित्र दलों का समर्थन प्राप्त करना होता है।
राज्यसभा में बीजेपी के सबसे अधिक 82 सदस्य हैं और कांग्रेस के 46 सदस्य हैं। राज्यसभा की कुल क्षमता 245 है। राज्यसभा में 12 नामित सदस्य हैं, जिनमें से आठ बीजेपी से जुड़े हैं।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.