पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी नलिनी को 30 दिनों की पेरोल मिल गई है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी को पेरोल दी। अपनी बेटी की शादी की तैयारी के लिए नलिनी ने मद्रास हाईकोर्ट से 6 महीने की परोल की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने आज (शुक्रवार) उन्हें 30 दिन की परोल दे दी है।
Rajiv Gandhi Assassination case: Convict Nalini gets 30-day parole from Madras High Court. (Earlier visuals) pic.twitter.com/g0sfIK4bFo
— ANI (@ANI) July 5, 2019
नलिनी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में छह अन्य दोषियों के साथ उम्रकैद की सजा काट रही हैं। उन्होंने अपनी बेटी की शादी की तैयारियों के लिए छह महीने का परोल मांगा था। उन्होंने इस मामले में मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करके अपनी पैरवी खुद करने की अनुमति मांगी थी। नलिनी की इस अनुमति पर हाई कोर्ट ने कहा था कि अदालत में उपस्थित होकर अपनी याचिका की पैरवी करने के अधिकार से नलिनी श्रीहरन को वंचित नहीं किया जा सकता है।
नलिनी की दलील नलिनी पिछले 27 साल से जेल में बंद हैं। उन्होंने कहा कि उम्रकैद की सजा पाने वाले किसी भी कैदी को दो साल में एक महीने का अवकाश लेने का अधिकार है, लेकिन उसने 27 साल तक जेल में बंद रहने के बावजूद इस सुविधा का कभी लाभ नहीं लिया। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी बेटी की शादी की तैयारियों के लिए छह महीने की छुट्टी दी जाए। जिस पर जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एम निर्मल कुमार ने उन्हें परोल दे दी।
नलिनी को राजीव गांधी हत्याकांड में मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में तमिलनाडु सरकार ने 24 अप्रैल, 2000 को इसे उम्रकैद की सजा में बदल दिया। उसका दावा है कि मौत की सजा उम्रकैद में बदलने के बाद से 10 साल या उससे कम समय की सजा काट चुके करीब 3,700 कैदियों को राज्य सरकार रिहा कर चुकी है।
नलिनी ने अपनी अपील में कहा कि उम्रकैद की सजा काट रहे कैदियों की समय पूर्व रिहाई की 1994 की योजना के तहत समय पूर्व रिहाई के उसके अनुरोध को राज्य मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दे दी थी और नौ सितंबर, 2018 को तमिलनाडु मंत्रिपरिषद ने राज्यपाल को उसे और मामले के छह अन्य दोषियों को रिहा करने की सलाह दी थी, लेकिन अभी तक उसका पालन नहीं हुआ है।
राजीव गांधी हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सात दोषियों में पेरारीवलन, मुरुगन, नलिनी, शांतन, रविचंद्रन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस शामिल हैं। यह सभी 21 मई 1991 से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के संबंध में जेल में हैं।