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सांकेतिक तस्वीरReuters file

वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए रक्षा बजट में 6.87 प्रतिशत की वृद्धि की गई है और यह 3.18 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. पिछले साल का रक्षा बजट आवंटन 2.98 लाख करोड़ रुपये था. चीन और पाकिस्तान अपने सैन्य क्षमता का विस्तार कर रहे हैं. ऐसे में रक्षा बजट में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही थी.

कुल बजट आवंटन में से 1,08,248 करोड़ रुपये 2019-20 के लिए पूंजी व्यय के लिए रखे गए हैं. यह राशि नए हथियार, विमान, युद्धक पोत और अन्य सैन्य हार्डवेयर की खरीद पर खर्च की जाएगी. पिछले साल सरकार ने पूंजी व्यय के लिए 93,982 करोड़ रुपये आवंटित किए थे.

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कुल रक्षा बजट में 6.87 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. कुल व्यय में पेंशन भुगतान के लिए रखे गए 1,12,079 करोड़ रुपये शामिल नहीं हैं.

रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान के डॉ लक्ष्मण बेहेरा ने कहा, ''हमारे सैन्य बलों को जिस प्रकार के आधुनिकीकरण की जरूरत है उस लिहाज से पूंजी व्यय आवंटन पूरी तरह अपर्याप्त है''.

बेहेरा ने कहा कि रक्षा बजट सकल घरेलू उत्पाद का 1.44 प्रतिशत है जो अपर्याप्त है. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को घोषणा की कि 2019-20 में रक्षा बजट तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कर दिया गया है और पहली बार यह इस आंकड़े को पार कर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कि देश की सीमाओं को सुरक्षित करने और रक्षा तैयारियों को कायम रखने के लिए जरूरत होने पर अतिरिक्त कोष उपलब्ध कराया जाएगा.

विशेषज्ञों का कहना है कि गायेल ने अंतरिम बजट पेश किया है और जब नयी सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी तो सैन्य बलों के लिए आवंटन में बदलाव हो सकता है.

इससे पहले पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने रक्षा बजट 3,05,296 करोड़ रुपये बताया था. बाद में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कुल आवंटन 3,18,931 करोड़ रुपये है.