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ANI

#MeToo अभियान के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर (MJ Akbar) विदेश दौरे से भारत लौट आए हैं. नाइजीरिया दौरे पर गए केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर रविवार की सुबह दिल्ली लौटे. विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि आखिर यह तूफान आम चुनाव के कुछ महीने पहले ही क्यों उठा? क्या ये कोई एजेंडा है? इन झूठे और आधारहीन आरोपों ने मेरी प्रतिष्ठा और सद्भावना को अपूर्णीय क्षति पहुंचाई है. मैं अपने ऊपर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा.

उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ लगाए गए दुर्व्यवहार के आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं. ये सभी आरोप द्वेष भावना से लगाए गए हैं. मैं ऑफिशल टूर पर बाहर था इसलिए पहले जवाब नहीं दे पाया. विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि कुछ तबको में बिना किसी सबूत के आरोप लगाने की बीमारी हो गई है. अब मैं लौट आया हूं और आगे क्या कानूनी कार्रवाई की जाए, इसके बारे में मेरे वकील देखेंगे. बता दें कि #MeToo के तहत करीब 10 महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. इन महिला पत्रकारों में एक विदेश महिला पत्रकार भी शामिल हैं.

अकबर ने इस्तीफे की मांग संबंधी सवाल पर चुप्पी साधे रखी. वहीं कांग्रेस लगातार अकबर के इस्तीफे की मांग पर अड़ी है. कांग्रेस ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के खिलाफ आरोपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बोलना चाहिए. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, ''प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर बोलना चाहिए. सवाल केवल सरकार के नैतिक अधिकार का नहीं बल्कि प्रधानमंत्री की खुद की और उनके पद की गरिमा का भी सवाल है.''

इससे पहले जैसे ही एमजे अकबर दिल्ली पहुंचे और एयरपोर्ट से बाहर निकले तो पत्रकारों ने उन पर लगे आरोपों से संबंधित सवाल किए, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि- मैं बाद में बयान जारी करूंगा.' गौरतलब है कि एमजे अकबर आरोप है कि उन्होंने पत्रकार और संपादक रहते कई महिला पत्रकारों का यौन उत्पीड़न किया है.

वहीं दूसरी तरफ ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के इस्तीफे के लिए बढ़ रहे दबाव को देखते केंद्र सरकार और भाजपा जल्द ही कोई फैसला ले सकती है. सूत्रों के अनुसार इस पूरे मामले में भाजपा पहले केंद्रीय मंत्री से उनका पक्ष सुनना चाहती है. यह वजह है कि विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर को लेकर केंद्र सरकार अभी तक कुछ भी नहीं कह रही है. मिली जानकारी के अनुसार अपने विदेशी दौरे से लौटने के बाद बाद अब भाजपा पहले अकबर से उनका स्पष्टीकरण मांगेगी. इसके बाद यह फैसला किया जाएगा कि इस मामले में पार्टी और सरकार को आगे क्या कदम उठाने चाहिए.

सोशल मीडिया पर मी टू अभियान के जोर पकड़ने के बीच पिछले कुछ दिनों में कई महिला पत्रकारों ने उनपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. हालांकि, भाजपा ने मामले में चुप्पी साध रखी है लेकिन अकबर के खिलाफ लगे आरोपों पर कोई रूख अपनाए बिना कुछ महिला मंत्रियों ने मी टू अभियान को अपना समर्थन दिया है. पार्टी के नेताओं का कहना है कि सबसे पहले अकबर को ही आरोपों पर जवाब देना है.

इतना ही नहीं, खुद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर चुकी हैं. वहीं सरकार के सूत्रों का कहना है कि सबसे पहले वह इस पर केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर का पक्ष जानेंगे और उन्हें खुद बोलने का मौका देंगे.