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चुनाव प्रचार के दौरान गलतबयानी के चलते योगी आदित्यनाथ और मायावती के खिलाफ कार्रवाई के बाद चुनाव आयोग ने केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को भी चुनाव प्रचार से रोक दिया है। मेनका गांधी को मंगलवार सुबह 10 बजे से 48 घंटे तक और और आजम खान को 72 घंटे के लिए चुनाव प्रचार से रोका गया है।

चुनाव आयोग के मुताबिक, इन दोनों नेताओं ने प्रचार के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया है। बता दें कि आजम खान ने रामपुर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी जयाप्रदा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के अलावा अधिकारियों को 'तनखैया' करके संबोधित किया था। आजम खान ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि अधिकारियों से डरने की जरूरत नहीं है।

वहीं, सुलतानपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने प्रचार के दौरान मुसलमानों से कहा था, 'चुनाव तो मैं जीत रही हूं, आप भी वोट दे देना वरना फिर काम कराने आओगे तब देखना।' इन्हीं बयानबाजियों को संज्ञान में लेते हुए चुनाव आयोग ने इन दोनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इन्हें कुछ समय के लिए चुनाव प्रचार से बाहर कर दिया है।

योगी ने अपने बयान में कहा था, 'अगर कांग्रेस, एसपी, बीएसपी को अली पर विश्वास है तो हमें भी बजरंग बली पर विश्वास है।' योगी ने देवबंद में बीएसपी प्रमुख मायावती के उस भाषण की तरफ इशारा करते हुए यह टिप्पणी की थी जिसमें मायावती ने मुस्लिमों से एसपी-बीएसपी गठबंधन को वोट देने की अपील की थी।

आजम खान की बात करें तो 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उकसाने वाले भाषण देने के आरोप में चुनाव आयोग ने उनको प्रचार करने से रोक दिया था और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।