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उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के मूर्तिया गांव में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में हुए खूनी संघर्ष में 9 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा जबकि दर्जन भर से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों के मुताबिक, 100 बीघे जमीन को लेकर पुरानी रंजिश के चलते दो पक्षों के बीच हथियारों से गोलीबारी के अलावा धारदार हथियारों से भी लड़ाई हुई। बताया जा रहा है कि मरने वालों की संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है।

घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को नजदीकी अस्‍पताल पहुंचाया, जहां पर कई की स्थिति गंभीर बनी हुई है। मृतकों में तीन महिलाएं और छह पुरुष शामिल हैं। वहीं घायलों की संख्‍या दर्जन भर से अधिक है, जिनका इलाज अस्‍पताल में किया जा रहा है।

जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल का कहना है, 'हम अभी फिलहाल एकदम सटीक संख्या नहीं बता सकते हैं। नौ लोगों को अस्पताल लाया गया है। कई लोग घायल हैं और कई लोगों की मौत हो चुकी है।'

जहां यह वारदात हुई है वह जगह सोनभद्र के जिला मुख्‍यालय रॉबर्ट्सगंज से 55-56 किलोमीटर दूर है। बताया जा रहा है कि जहां यह घटना हुई है वहां यज्ञ दत्त नाम के एक ग्राम प्रधान ने इलाके में करीब 90 बीघे जमीन 2 साल पहले खरीदी थी और वह उसी जमीन का कब्‍जा लेने पहुंचा था। यहां स्‍थानीय लोगों ने उसका विरोध किया जिसके बाद प्रधान के साथ आए लोगों ने कथित रूप से गांववालों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। यज्ञ दत्त का दावा है कि उसने इलाके में 90 बीघे जमीन खरीदी थी। इसी जमीन का कब्‍जा लेने प्रधान 20 ट्रैक्‍टरों में भरकर 300 लोगों को लेकर आया था। घटना के बाद से प्रधान यज्ञ दत्त फरार है।

इस इलाके में गोंड और गुर्जर अदिवासी रहते हैं और ये गुर्जर लोग वहां दूध बेचने का काम करते हैं। यह इलाका जंगलों से घिरा है और यहां ज्‍यादातर वनभूमि है। चूंकि यहां सिंचाई का कोई साधन नहीं है इसलिए ये स्‍थानीय लोग बारिश के मौसम में बरसात के पानी से वनभूमि पर खरीफ के मौसम में मक्‍के और अरहर की खेती करते हैं। इस इलाके में वनभूमि पर कब्‍जे को लेकर अक्‍सर झगड़ा होता रहता है।

घटना की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि घायल हुए लोगों के तत्काल इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। मुख्यमंत्री ने घटना के बारे में जिलाधिकारी से भी बात की है। इसके अलावा सीएम ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वह इस मामले में खुद नजर रखें और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करें। सीएम योगी ने मीरजापुर के कमिश्नर और वाराणसी जोन के एडीजी को निर्देश दिए हैं कि वे संयुक्त रूप से इस घटना के कारणों की जांच करें और 24 घंटे के अंदर जिम्मेदारी तय करें।

यूपी के डीजीपी ओ पी सिंह ने घटना के बारे में कहा है, 'प्रधान ने जमीन को दो साल पहले खरीदा था और अपने सहयोगियों के साथ कब्जा लेने पहुंचे थे। इसी दौरान गांववालों ने विरोध किया। फायरिंग होने के बाद कई लोग घायल हुए। तीन-चार लोगों का इलाज चल रहा है। केस दर्ज कर लिया गया है और पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।'