उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के स्याना इलाके में सोमवार को गोवंश के अवशेष मिलने के मुद्दे ने इस कदर तूल पकड़ा कि पूरा माहौल अशांत हो गया। लोगों की भीड़ ने पुलिस वालों पर पथराव करना शुरू कर दिया जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध सिंह समेत दो लोगों को जान चली गई। इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही मेरठ रेंज के आईजी की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई जिसे 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपनी है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतक इंस्पेक्टर की पत्नी को यूपी सरकार की तरफ से 40 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया। इसके साथ उनके माता-पिता तो 10 लाख रुपए और किसी एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की।
Chief Minister Yogi Adityanath declares a compensation of Rs 40 lakh for wife, Rs 10 lakh for parents & a government job for a kin of Police Inspector Subodh Kumar who died in violence in #Bulandshahr. (File pic) pic.twitter.com/DF3QsAzwAW
— ANI UP (@ANINewsUP) December 3, 2018
एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने लखनऊ में सोमवार को बताया कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि बाई आँख के ऊपर गोली लगी है, इसके अलावा सर पर भी किसी भारी चीज़ की चोट के निशान पाए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बुलन्दशहर में हुई हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर समेत दो लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए दो दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिये।
बुलंदशहर में हुई घटना में पांच पुलिस कर्मी तथा करीब आधा दर्जन आम लोगों को भी मामूली चोटें आई है। भीड़ की हिंसा में कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया है तथा तीन कारों को आग लगा दी गई। बताया जा रहा है कि इस हिंसा में तीन गांव के करीब चार सौ लोग शामिल है।
Anand Kumar,(ADG L&O): One policeman died in stone pelting from villagers, later a local Sumit also got shot and was shifted to a hospital in Meerut where he succumbed to injuries. Probe is underway to find out who shot him #Bulandshahr https://t.co/V5NFXaDbNe
— ANI UP (@ANINewsUP) December 3, 2018
मामले की सूचना मिलने के बाद कई थानों की पुलिस और आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए और हालात को काबू में करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मेरठ मंडल आयुक्त अनीता सी मेश्राम ने इस मामले में स्याना के कोतवाल सुबोध कुमार की मौत की पुष्टि की है।
एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने लखनऊ में पत्रकार वार्ता में बताया कि कथित गौकशी की घटना के बाद पथराव में एक थाना इंचार्ज और एक अन्य व्यक्ति की मौत के मामले की जांच एडीजी इंटलीजेंस एसबी शिरडकर करेंगे और 48 घंटे के अंदर अपनी गोपनीय रिपोर्ट सौंपेगें। उन्होंने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक मेरठ की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया जिसमें तीन से चार अधिकारी शामिल होंगे जो पूरी घटना की गहनता से जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौपेंगे।
एडीजी आनंद ने बताया कि जिलाधिकारी बुलंदशहर ने इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिये है। अभी इस संबंध में एक मामला गोकशी का दर्ज किया गया है जिसमें सात नामजद हैं लेकिन अभी सुरक्षा की दृष्टि से इन लोगों के नाम नहीं बताये जा सकते हैं। उपद्रव के दौरान सुमित नाम के एक युवक की भी मौत इलाज के दौरान मेरठ के अस्पताल में हो गयी है। उसे गोली लगी थी। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि उसकी मौत किसकी गोली से हुई है।
एडीजी के मुताबिक कथित गोकशी की घटना के बाद एफआईआर लिख ली गयी थी लेकिन भीड़ ने सड़क पर जाम लगा दिया था। इसी जाम को हटाने के दौरान भीड़ उग्र हो गयी और दोपहर 12 से डेढ़ बजे के बीच पथराव और हिंसा हुई। उन्होंने कहा कि जिले में पांच कंपनी आरएएफ तथा छह कंपनी पीएसी पहले से ही तैनात थी और पुलिस बल भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के इज्तेमा में शामिल अभी करीब आधे लोग वहां हैं जिन्हें पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में वहां से निकाला जा रहा है।
बुलन्दशहर से भाषा संवाददाता की रिपोर्ट के मुताबिक थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में रविवार की रात अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर करीब 25-30 गोवंश काट डाले थे। यह सूचना मिलने पर लोगों में आक्रोश फैल गया। गुस्साए लोग घटनास्थल पर पहुंचे और कथित तौर पर काटे गए गोवंश के गोवंश अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर सोमवार सुबह चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंचे।
सूत्रों के अनुसार गुस्साई भीड़ ने बुलंदशहर-गढ़ स्टेट हाईवे पर ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर रास्ता जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। सूचना मिलने पर एसडीएम अविनाश कुमार मौर्य और सीओ एसपी शर्मा पहुंचे। इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया।
बेकाबू भीड़ ने पुलिस के कई वाहन फूंक दिए। साथ ही चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी। एडीजी ने बताया कि सुबोध कुमार सिंह दादरी के एकलाख हत्याकांड में 28 सितम्बर 2015 से 9 नवम्बर 2015 तक जाँच अधिकारी थे, इस मामले में चार्जशीट दूसरे जांच अधिकारी ने मार्च 2016 मे दाखिल की थी।
अब इस मामले में जमकर सियासत भी हो रही है। विपक्ष का कहना है कि योगी सरकार के राज में कानून-व्यवस्था बेपटरी हो गई है। आम जन के साथ साथ अब पुलिस थाने भी सुरक्षित नहीं है। ये बात अलग है कि बीजेपी का कहना है कि इस संबंध में तत्काल हालात पर नियंत्रण पा लिया गया और जांच के लिए एसआईटी गठित की गई। एसआईटी को निर्देश है कि वो 48 घंटों के अंदर रिपोर्ट पेश करे।