यमुना नदी में पानी के बढ़ते स्तर के चलते राजधानी दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होने के बाद दिल्ली सरकार ने बाढ़ की चेतावनी दी है।
यमुना नदी का जलस्तर सोमवार सुबह 9 बजे 204.70 मीटर पर पहुंच चुका था। यह चेतावनी के निशान 204.50 मीटर के पार है। हालांकि अब खतरे का नया निशान 205.33 मीटर घोषित किया गया है, जिसे यमुना शाम तक पार कर लेगी।
हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से रविवार को 8.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिसके आज शाम तक दिल्ली पहुंच जाने की उम्मीद है। दिल्ली की तरफ 40 साल बाद इतना पानी छोड़ा गया है। यमुना में इतना पानी अबतक नहीं छोड़ा गया था।
बढ़ते जलस्तर की वजह से लोहे के पुल का ट्रैफिक बंद कर दिया गया है। हालांकि, उसपर से ट्रेनों की आवाजाही फिलहाल जारी है। 12 बजे के बाद यमुना का जल स्तर 204.88 मीटर पर पहुंच गया था।
केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि बैराज से जितना पानी छोड़ा गया है, उससे आशंका है कि यमुना का जलस्तर 207 मीटर को पार कर जाएगा। लेकिन उससे ऊपर कितना बढ़ेगा, उसके बारे में कन्फर्म नहीं कहा जा सकता। 2013 में यह 207.32 मीटर पार हुआ था। अब यह पानी 208 मीटर पहुंचेगा या नहीं, इसको लेकर कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
दिल्ली में बढ़ रहे बाढ़ के खतरों के मद्देनजर सोमवार को सरकार की उच्चस्तरीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में राजधानी के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी। सरकार ने कहा कि आने वाले दो दिन काफी गंभीर हैं।
राज्य सरकार ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया है। किसी प्रकार की मदद के लिए 011-22421656 और 011- 21210849 पर कॉल की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए दिल्ली सरकार की ओर से 2120 टेंट के इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यमुना किनारे रहने वाले लोग आज यानी सोमवार शाम 6-7 बजे तक टेंट्स में आ जायें। आने वाले दो दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने लोगों को बिना घबराए किनारे के इलाकों से निकल कर खाली टेंट में आने की सलाह दी।
इन टेंट में सभी के लिए भोजन, पानी और शौचालय की पूरी व्यवस्था कर दी गई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली में रहने वालों को नदि किनारे के इलाकों से हट कर दूसरी जगह जाने को कहा। उन्होंने कहा कि बाढ़ के हालात में 23 हजार लोगों के प्रभावित होने की संभावना है। सरकार ने विपरीत परिस्थितियों से निपटने के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
दिल्ली की तरफ 40 साल बाद इतना पानी छोड़ा गया है। यमुना में इतना पानी अबतक नहीं छोड़ा गया था। 1978 में यमुना में सबसे बड़ी बाढ़ आई थी और तब हरियाणा से 7 लाख क्यूसेक ही पानी छोड़ा गया था।