मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में एक अवैध कोयला खदान में पानी भरने से फंसे 13 मजदूरों को अभी भी बाहर नहीं निकाला जा सका है. सरकार और प्रशासन उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है लेकिन मजदूरों का बचना लगभग मुश्किल माना जा रहा है.
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा, 'यह काफी मुश्किल और जटिल परिस्थिति है. एनडीआरएफ उन्हें बचाने की कोशिश कर रहा है लेकिन यह मुश्किल लग रहा है.'
इस घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए राज्य के मुख्यमंत्री कॉरनार्ड के संगमा ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और राज्य पुलिस खनिकों के जीवन को बचाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही हैं.
Meghalaya CM on 13 miners trapped in a mine at Ksan in East Jaintia Hills: Very difficult&complicated situation. NDRF trying to save them but it looks very difficult. No matter how many pumps we put, water force is too much to bring it down to a level where we can enter&save them pic.twitter.com/nChFNnOSrY
— ANI (@ANI) December 17, 2018
उन्होंने कहा, 'हम चाहे जितने भी पंप लगा लें लेकिन पानी का प्रेशर इतना अधिक है कि उसका लेवल कम करने में दिक्कतें आ रही हैं.' उन्होंने कहा, 'हम अथक प्रयास कर रहे हैं लेकिन का स्तर वाकई काफी ऊंचा है. जिस दिन यह घटना हुई है उस दिन मैंने केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजु से बात करके मदद की मांग की है.'
पिछले हफ्ते गुरुवार को लुमथरी इलाके के तीन स्थानीय निवासियों सहित कुल 13 मजदूर कोयला खदान फंसे हैं. ऐसा लगता है कि खनिकों ने तीन-चार दिन पहले फिर से खनन शुरू किया था. मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश गुरुवार से ही जारी है लेकिन अभी तक इसमें किसी भी तरह की सफलता हाथ नहीं लगी है.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 60 से अधिक सदस्यों वाले दो दल शुक्रवार की सुबह यहां पहुंचे थे जबकि राज्य आपदा मोचन बल के 12 सदस्य पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद हैं.
पुलिस उपमहानिरीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) ए आर माथोह ने कहा, 'हम खदान से पानी बाहर निकालने की कोशिश में हैं जो कि 370 फुट गहरी है. एनडीआरएफ के अनुसार पानी का स्तर 70 फुट है.'
Meghalaya: Op is underway to rescue the 13 miners who've been trapped in a mine at Ksan near Lyteiñ River under Saipung police station in East Jaintia Hills. CM Conrad Sangma today said "Very difficult&complicated situation. NDRF trying to save them but it looks very difficult." pic.twitter.com/Xue0yXv2Ve
— ANI (@ANI) December 17, 2018
डीआईजी ने कहा कि एनडीआरएफ के गोताखोर फंसे हुए खनिकों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे. निकटतम लैटीन नदी का पानी सान गांव में स्थित खदान में गुरुवार को प्रवेश कर गया. कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि खदान में पानी भरने से पहले पांच लोग बाहर निकल गए थे लेकिन पांच लोगों का पता अभी तक नहीं चला है.
नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने 17 अप्रैल, 2014 से राज्य में असुरक्षित तरीके से कोयला खनन पर अंतरिम रोक लगा दी थी. पुलिस ने खदान का संचालन करने वाले जेम्स सुखलैन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल वह फरार चल रहा है.