14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवानों की जान लेने वाले आत्मघाती आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मुदस्सिर अहम खान को एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है। सुरक्षाबलों के लिए इसे बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में सोमवार को हुए एक एनकाउंटर में तीन आतंकी मार गिराए गए। मारे गए आतंकियों में जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर मुदस्सिर अहमद खान उर्फ मोहम्मद भाई भी शामिल है।
जैश के कमांडर मुदस्सिर खान के परिवार ने उसके शव की शिनाख्त त्राल एनकाउंटर में मारे गए आतंकवादियों में से एक के रूप में की है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। अभी फरेंसिक रिपोर्ट के आने का इंतजार किया जा रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि मारे गए आतंकवादियों में से एक की पहचान जेआईएम कमांडर मुदासिर खान उर्फ मोहम्मद भाई के रूप में की गई है।
J&K Police: Two terrorists killed in Tral encounter identified as Mudasir Ahmad Khan and Khalid. Both the killed terrorists were affiliated with proscribed terror outfit JeM. Mudasir was one of the key conspirators of the recent Pulwama attack. pic.twitter.com/d8AIDyaiHz
— ANI (@ANI) March 11, 2019
उन्होंने बताया कि शवों के डीएनए परीक्षण किए जाएंगे। जिस घर में आतंकवादी छिपे हुए थे, सुरक्षाबलों के अभियान में वह घर पूरी तरह से नष्ट हो गया। सेना ने कहा है कि तीन आतंकवादी मारे गए हैं। हालांकि, पुलिस ने अभी तक सिर्फ दो शव बरामद किए हैं।
सोमवार रात त्राल के पिंगलिश इलाके में एनकाउंटर के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी मार गिराए गए थे। अधिकारियों का कहना है कि मुदस्सिर उन तीन आतंकियों में से एक है जो मुठभेड़ में ढेर किए गए हैं। एनकाउंटर में मारे गए तीनों आतंकियों के शव बुरी तरह से जल गए हैं और उनकी शिनाख्त की कोशिश की जा रही है।
सुरक्षाबलों ने आतंकियों की मौजूदगी का खुफिया इनपुट मिलने के बाद पिंगलिश इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। सर्च पार्टी पर जब घात लगाकर बैठे आतंकियों ने फायरिंग की तो यह अभियान एक एनकाउंटर में तब्दील हो गया। इसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी फायरिंग करते हुए आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की।
जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों में कम चर्चित मुदस्सिर को पुलवामा टेरर अटैक का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक पुलवामा के ही निवासी 23 साल का मुदस्सिर एक इलेक्ट्रिशन था और उसके पास ग्रैजुएट की डिग्री थी। अधिकारियों के मुताबिक आतंकी हमले में इस्तेमाल की गई गाड़ी और विस्फोटक का इंतजाम उसी ने किया था।
त्राल के मीर मोहल्ले के रहने वाले मुदस्सिर ने 2017 में एक ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद जॉइन किया था। बाद में उसे नूर मोहम्मद तांत्रे उर्फ नूर त्राली ने जैश में सक्रिय रूप से जिम्मेदारी सौंपी। नूर पर कश्मीर घाटी में आतंकी संगठनों को दोबारा उठ खड़े होने में मदद पहुंचाने का आरोप है।
दिसंबर 2017 में तांत्रे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद मुदस्सिर अपने घर से 14 जनवरी 2018 को फरार हो गया था। उसके बाद से ही वह जैश की साजिश में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। अधिकारियों का कहना है कि वह आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद डार के लगातार संपर्क में था। आदिल ने ही सीआरपीएफ के काफिले में चल रही बस में विस्फोटकों से लदी कार से टक्कर मारी थी।
स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद मुदस्सिर खान ने इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (ITI) से इलेक्ट्रिशन का एक साल का डिप्लोमा कोर्स किया था। बताया जा रहा है कि एक मजदूर पिता का बेटा मुदस्सिर फरवरी 2018 में सुंजवां में हुए आतंकी हमले में भी शामिल था। इस अटैक में सुरक्षाबलों के छह जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा एक नागरिक की भी मौत हो गई थी।
जनवरी 2018 में लेथपोरा में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले में भी उसका नाम आया। इस हमले में पांच सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा हमले की जांच कर रही एनआईए ने 27 फरवरी को मुदस्सिर के घर पर छापा मारा था।
पुलवामा में इस्तेमाल की गई मारुति इको मिनीवैन को जैश के ही एक संदिग्ध ने हमले से 10 दिन पहले खरीदा था। संदिग्ध की पहचान साउथ कश्मीर के बिजबेहारा के रहने वाले सज्जाद बट के रूप में हुई थी। हमले के बाद से ही सज्जाद फरार है और माना जा रहा है कि अब वह एक सक्रिय आतंकी बन चुका है।