आर्थिक और पारिवारिक मामलों को लेकर होने वाले पारिवारिक झगड़े कोई नई बात नहीं हैं लेकिन चीजें तब काफी बदसूरत हो जाती हैं जब ये झगडे दुनिया के सामने खुले में आ जाते हैं. ऐसा ही एक एक विवाद दुनिया के सामने आया है और सुर्खियां बटोर रहा है जिसमे फोर्टिस के पूर्व सीएमडी मलविंदर मोहन सिंह ने अपने ही छोटे भाई शिविंदर मोहन सिंह पर हमला करने का आरोप लगाया है.
कभी फोर्टिस को नई ऊंचाई पर ले जाने वाले सिंह बंधु मलविंदर और शिविंदर सिंह आज एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते हैं और दोनों के बीच का मतभेद अब मारपीट तक जा पहुंचा है. मलविंदर ने परिजनों और कुछ मित्रों के व्हाट्सएप ग्रुप में वॉट्सऐप ग्रुप पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने अपने भाई शिविंदर पर उनपर हमला करने का आरोप लगाया.
शिविंदर विडियो में बोल रहे हैं, 'आज 5 दिसंबर, 2018 को शाम छह बजे के बाद मेरे छोटे भाई शिविंदर मोहन सिंह ने 55 हनुमान रोड पर मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और धमकी दी. उन्होंने मुझपर हाथ भी उठाया, मुझे चोट लगी, मेरी कमीज का एक बटन टूट गया, मुझे खरोंच आई. वह तबतक मुझसे उलझे रहे, जबतक लोगों ने उन्हें मुझसे अलग नहीं किया.'
इसके अलावा उन्होंने एक तस्वीर भी शेयर की जिसमे उनके हाथ में प्लास्टर चढ़ा हुआ देखा जा सकता है. मलविंदर ने कहा कि उन्हें जख्मों के इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल जाना पड़ा. उन्होंने कहा कि अस्पताल ने उन्हें घुटने एवं हाथ में अंदर से चोट पहुंचने की बात कही.
उन्होंने आगे कहा कि वह शिकायत दर्ज कराने थाने भी गए, लेकिन मां एवं चाचा समेत परिवार के अन्य वरिष्ठ सदस्यों के आग्रह पर उन्होंने इसे वापस ले लिया.
हालांकि, शिविंदर ने भाई मलविंदर के इन आरोपों को झूठा और षडयंत्रकारी बताते हुए कहा कि मलिवंदर ने ही उन पर हमला किया. टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में शिविंदर मोहन सिंह पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए मलविंदर ने बताया कि पूरा मामला उस वक्त शुरू हुआ, जब शिविंदर ने ग्रुप की एक कंपनी प्रायस रियल एस्टेट के बोर्ड की बैठक को बाधित करना शुरू किया. उन्होंने दावा किया कि इस कंपनी को उन्होंने लगभग 2 हजार करोड़ रुपये की उधारी दी है, जिसे गुरिंदर सिंह ढिल्लन और उनके परिवार के लोग चलाते हैं.
मलविंदर ने आगे कहा कि बोर्ड की मीटिंग ढिल्लन ग्रुप से पैसे प्राप्त करने पर विचार के लिए बुलाई गई थी. उनका कहना है कि शिविंदर हनुमान रोड वाले ऑफिस में गए और बोर्ड मीटिंग में बाधा डालने की कोशिश की ताकि ढिल्लन ग्रुप से रिकवरी प्रोसेस को टाला जा सके. मलविंदर के मुताबिक शिवंदर बोर्ड के मेंबर भी नहीं हैं. मलिवंदर ने कहा कि जब उन्हें इस बारे में पता चला तो वह ऑफिस की तरफ भागे. वह जैसे ही मौके पर पहुंचे, शिविंदर ने उन पर हमला बोल दिया.
Singh brothers fight in the open. Malvinder alleges younger brother Shivinder physically assaulted him https://t.co/6z9GiRtQJi pic.twitter.com/xSGYYyoYpz
— Business Today (@BT_India) 6 December 2018
सितंबर महीने में शिविंदर ने एनसीएलटी में शिविंदर के खिलाफ दायर याचिका वापस ले ली थी, लेकिन तब स्पष्ट कर दिया था कि अगर दायची को पेमेंट समेत अन्य अटके पड़े मुद्दों को सुलझाया नहीं गया तो फिर से मुकदमा किए जाने का विकल्प खुला रहेगा. गौरतलब है कि शिविंदर ने एनसीएलटी में अपने भाई मलविंदर और आरएचसी होल्डिंग के पूर्व सीएफओ सुनील गोधवानी के खिलाफ शिकायत की थी कि वे दोनों कंपनी को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों में शामिल हैं.