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निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के चारों दोषियों ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को अब तक इस बारे में कोई सूचना नहीं दी है कि वे आखिरी बार अपने परिवार से कब मिलना चाहते हैं और अपनी संपत्ति किसके नाम करना चाहते हैं। दिल्ली की एक अदालत द्वारा दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए तय की गई एक फरवरी की तारीख से नौ दिन पहले अधिकारियों ने यह बात कही।

चारों दोषियों-विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, मुकेश कुमार सिंह और पवन गुप्ता को जेल नंबर तीन में एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी है। चारों दोषी जेल नंबर तीन की अलग-अलग काल कोठरियों में बंद हैं।

जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''मृत्यु वारंट जारी होने के बाद दोषियों से पूछा गया कि वे आखिरी बार अपने-अपने परिवारों से कब मिलना चाहेंगे, और यदि वे मिलना चाहते हैं तो किससे मिलना चाहेंगे। लेकिन अभी तक किसी ने भी जवाब नहीं दिया है।''

अधिकारी ने बताया कि दोषियों से यह भी पूछा गया कि क्या वे कोई वसीयत तैयार करना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा, ''चारों दोषियों के परिवारों को सप्ताह में दो बार उनसे मिलने की अनुमति दी जाती है, लेकिन अंतिम मुलाकात की तारीख तय नहीं हुई है क्योंकि उन्होंने अब तक जवाब नहीं दिया है।''

बुधवार को उच्चतम न्यायालय में केंद्र द्वारा दायर याचिका में गृह मंत्रालय ने कहा कि वीभत्स कृत्य के दोषी न्यायिक प्रक्रिया का अनावश्यक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। निर्भया मामले में दोषियों को फांसी पर लटकाने में हो रही देरी के बीच मंत्रालय ने मांग की कि मृत्यु वारंट जारी होने के बाद दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए सात दिन की समयसीमा तय की जानी चाहिए।

पिछले सप्ताह तिहाड़ जेल में चारों दोषियों की डमी को फांसी पर लटकाने का अभ्यास किया गया। अधिकारी ने कहा कि फांसी जेल नंबर तीन में दी जाएगी और उत्तर प्रदेश जेल प्राधिकरण ने चारों दोषियों को फंदे पर लटकाने के लिए मेरठ से पवन जल्लाद को भेजने की पुष्टि कर दी है।

तिहाड़ के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के जेल अधिकारियों से दो जल्लाद उपलब्ध कराने को कहा था। अधिकारी ने कहा कि सभी चार दोषियों को एक साथ ही लटकाए जाने की संभावना है। जेल अधिकारी नियमित आधार पर उनसे बात भी कर रहे हैं, ताकि उनकी मानसिक स्थिति ठीक रह सके।

दिल्ली में 16-17 दिसंबर 2012 की दरम्यानी रात छह लोगों ने चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से बर्बर बलात्कार किया था और फिर उसे बस से सड़क पर फेंक दिया था। इस लड़की को काल्पनिक नाम 'निर्भया' से जाना गया। बाद में 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।

राम सिंह नाम के आरोपी ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। आरोपियों में शामिल एक नाबालिग को तीन साल तक किशोर सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.